अयोध्या जाते समय 21 साल के बेटे की हुई मौत, मां दुख भूल अंगदान कर बचाई कई जिंदगियां

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इंदौर। 21 साल की उम्र में बेटा दुनिया छोड़कर चला जाए और मां उसके अंगदान करके किसी को नया जीवन देने का प्रयास करे। सुनकर यकीन नहीं होता, लेकिन यह हौसला दिखाया है रश्मि जोशी ने। इस मां पर जब दुःख का पहाड़ टूटा तो उसने अपने दुःखों को भूलकर वह किसी को नया जीवन देने के बारे में सोचा। उन्होंने निर्णय लिया कि वे खुद को संभालेंगी परिवार को भी संबल देंगी और अपने बेटे के अंगदान Organ Donation से किसी को नया जीवन देंगी।
21 वर्षीय देवांग जोशी देवास से अयोध्या राम मंदिर Ayodhya Ram Mandir के लिए निकला था। अपने साथियों के साथ पदयात्रा कर रहा देवांग सांची के पास रोड एक्सीडेंट का शिकार हो गया। उपचार के लिए उसे पहले बंसल हॉस्पिटल भोपाल ले जाया गया बाद में उसे बॉम्बे हॉस्पिटल इंदौर लाया गया। यहां पर उसने अंतिम सांस ली। बेटे के जाते ही परिवार बदहवास हो गया लेकिन मां रश्मि जोशी ने हिम्मत रखी। उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में भी बेटे के अंगदान का फैसला लिया और किसी को नया जीवन देने के बारे में सोचा। देवांग के पिता चंद्रमणि जोशी और छोटी बहन जाह्रनवी ने भी इस पुण्यकार्य के लिए सहमति दी। रश्मि देवास में पटवारी हैं। उनके इस हौसले को आज पूरा शहर सलाम कर रहा है। 
देवांग जोशी को जन्म से ही शरीर में एक किडनी है जो बॉम्बे हॉस्पिटल में पंजीकृत 42 वर्षीय महिला रोगी को प्रत्यारोपित की जा रही है एवं लिवर चोइथराम हॉस्पिटल के पंजीकृत रोगी को प्रत्यारोपित किया जाएगा। इंदौर के सांसद शंकर लालवानी और संभागआयुक्त मालसिंह इसकी सतत मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सोसाइटी फॉर ऑर्गन डोनेशन के सचिव डॉ संजय दीक्षित एवं नोडल ऑफिसर डॉ मनीष पुरोहित के समन्वय में यह काम किया जा रहा है। 
साभार अमर उजाला

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