सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका, भगदड़ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर हो कार्रवाई

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बुधवार तड़के महाकुंभ में मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। इस याचिका में देशभर से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षा उपायों और दिशानिर्देशों को लागू करने की मांग की गई है। साथ ही इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई है। आपको बता दें कि इस हादसे में 60 से अधिक लोग घायल हो गए।
वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर की गई इस याचिका में सभी राज्यों को निर्देश देने की मांग की गई है कि वे प्रयागराज स्थित अपनी सुविधा केंद्रों पर तीर्थयात्रियों को सुरक्षा उपायों और दिशानिर्देशों के बारे में बुनियादी जानकारी उपलब्ध कराएं।
याचिका में यह भी प्रार्थना की गई है कि तीर्थयात्रियों के लिए अन्य भाषाओं में घोषणा, दिशा-निर्देश और सड़कें दिखाने वाले डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं, ताकि दूसरे राज्यों से आने वाले लोग आसानी से मदद प्राप्त कर सकें और किसी प्रकार की समस्या का सामना न करें। इसके अलावा, याचिका में यह भी कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार के साथ समन्वय करके सभी राज्य सरकारें प्रयागराज महाकुंभ में चिकित्सकीय आपातकाल के समय डॉक्टरों और नर्सों की छोटी मेडिकल टीम तैनात करें ताकि मेडिकल स्टाफ की कमी न हो।
महत्वपूर्ण बात यह है कि याचिका में अधिकारियों और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई है, जिनकी लापरवाही के कारण भगदड़ हुई। याचिका में मांग की गई है कि, "उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देशि दिया जाए कि वह 29 जनवरी 2025 को महाकुंभ में हुई भगदड़ की स्थिति पर एक स्टेटस रिपोर्ट पेश करें और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों, अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए।"
साभार लाइव हिन्दुस्तान

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