मप्र में ‘यूनिवर्सल सोशल एंगेजमेंट प्रोग्राम’ नामक एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत, बदल जाएगी युवाओं की तकदीर

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भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ग्रामीण युवाओं के लिए एक नई राह लेकर आ रही है। सरकार के कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने ‘यूनिवर्सल सोशल एंगेजमेंट प्रोग्राम’ नामक एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है, जो युवाओं को रोजगार से जोड़ने और उनके समग्र विकास में सहायक सिद्ध होगा। इसका पहला चरण राजगढ़ जिले के संडावता गांव में शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत युवाओं को उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार या नौकरी के लिए सक्षम बनाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट न केवल युवाओं को रोजगार के अवसर देगा, बल्कि संपूर्ण गांव का विकास सुनिश्चित करेगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि का नया अध्याय शुरू होगा। 
प्रोजेक्ट के पहले चरण के लिए राजगढ़ जिले के संडावता गांव का चयन किया गया है, जहां 18 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग एक हजार युवक-युवतियों की प्रोफाइलिंग की जाएगी। उन्हें उनकी शैक्षणिक, आर्थिक स्थिति के आधार पर रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु ट्रेनिंग दी जाएगी। इस प्रयास में, ग्रामीण युवाओं की तकनीकी दक्षता बढ़ाने और उन्हें स्थायी रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य है। संत शिरोमणि ग्लोबल स्किल पार्क के डायरेक्टर जेएन अग्रवाल ने बताया कि इस प्रोग्राम में सभी युवाओं का डेटा एकत्रित करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है। यह पोर्टल समग्र पोर्टल से जुड़ा रहेगा, जिससे प्रत्येक युवा की शिक्षा, आर्थिक स्थिति, और प्रशिक्षण आवश्यकताओं की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। इस डेटा के आधार पर युवाओं को उनकी पसंद के अनुसार तकनीकी शिक्षा, स्वरोजगार, खेती-बागवानी, या अन्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण और लोन के प्रोजेक्ट बनाने में भी मदद की जाएगी। 
संडावता गांव के सामुदायिक विकास को ध्यान में रखते हुए, पेयजल, सिंचाई, सड़कों की स्थिति और स्थानीय उत्पादन की मार्केटिंग जैसी गतिविधियों पर ध्यान दिया जाएगा। यह एक पायलट प्रोजेक्ट है, लेकिन भविष्य में इसे राज्य के अन्य जिलों और गांवों में भी विस्तार किया जाएगा।
प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए हर माह के पहले सोमवार को ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों की देखरेख में सर्वे, प्रशिक्षण और रोजगार संबंधित कार्यों की प्रगति पर नजर रखी जाएगी।
कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री गौतम टेटवाल ने बताया कि यह योजना युवाओं को उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का एक प्रयास है। इससे ग्रामीण युवाओं को स्थानीय और बाहरी बाजारों में रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
साभार अमर उजाला

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