शराब ठेकों, थानों के बाद अब इंदौर के हर घर पर चिपकाएंगे क्यूआर कोड...

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डिजिटल इंदौर की ओर एक और कदम, हर मकान होगा स्मार्ट
राजेश धाकड़
इंदौर। QR कोड का इस्तेमाल अब सिर्फ दुकानों और ऑनलाइन पेमेंट तक सीमित नहीं रहा। शराब ठेकों पर बोतल की कीमत से लेकर थानों में पुलिस के आचरण पर फीडबैक देने तक, QR कोड का उपयोग तेजी से बढ़ा है। अब इस डिजिटल तकनीक को इंदौर के हर घर की पहचान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है।
घर-घर चिपकेगा QR कोड, मकान से जुड़ी जानकारी एक क्लिक पर
इंदौर नगर निगम शहर के 4.5 लाख से अधिक मकानों के डिजिटलीकरण की योजना पर काम शुरू कर चुका है। हर घर पर एक यूनिक QR कोड चिपकाया जाएगा, जिसे स्कैन करते ही उस मकान से जुड़ी संपत्ति कर, लोकेशन और अन्य सीमित जानकारी एक डिजिटल पेज के जरिए सामने आ जाएगी।
29 जून से वार्ड 82 में शुरुआत, इंदौर देश का पहला शहर बनेगा
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जानकारी दी कि इस परियोजना को भारत सरकार के DigiPIN प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा रहा है और इसकी शुरुआत वार्ड 82 से की जाएगी। 29 जून से ये कार्य ज़मीनी स्तर पर शुरू हो जाएगा।
GPS से भी सटीक, इमरजेंसी में भी मददगार,नगर निगम का दावा है कि यह तकनीक GPS से अधिक सटीक है और इससे निजता भी बनी रहेगी। आपात स्थिति में नागरिक एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड या पुलिस को सीधी और सटीक लोकेशन भी भेज सकेंगे।
क्या होगा इस QR कोड से फ़ायदा?
मकान का डिजिटल रिकॉर्ड
सही लोकेशन शेयरिंग
आपातकालीन सेवाओं की आसान पहुंच,संपत्ति कर भुगतान में पारदर्शिता
वार्ड स्तर पर डेटा मैनेजमेंट आसान
क्या लगेगा इसके लिए शुल्क?
फिलहाल महापौर ने स्पष्ट किया कि QR कोड सेवा के लिए नागरिकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
अब देखना यह होगा कि ‘प्रयोगशाला शहर’ कहे जाने वाले इंदौर में यह डिजिटल प्रयोग कितना सफल होता है। अगर यह मॉडल कारगर हुआ, तो देश के अन्य शहरों के लिए एक मिसाल बन सकता है।

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