कार्यक्रम में अजित पवार ने दूर हटवाई चाचा की कुर्सी

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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को गुरुवार को पुणे में अपने चाचा और एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार के साथ एक सार्वजनिक कार्यक्रम में असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। दोनों को एक ही मंच पर थे। दोनों पुणे में वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट (VSI) की बैठक में भाग लेने पहुंचे थे, जिसे पूर्व मंत्री और राकांपा नेता दिलीप वाल्से पाटिल ने आयोजित किया था। वह फिलहाल अजित पवार के गुट में हैं। शरद पवार VSI के अध्यक्ष हैं, जबकि पाटिल इसके उपाध्यक्ष हैं।
कार्यक्रम में दोनों को एक-दूसरे के बगल में बैठने था। कुर्सी भी इसी के मुताबिक लगी थी। अजित पवार जैसे ही मंच पर पहुंचे तो उनकी नजर सीटिंग व्यवस्था पर गई। उन्होंने तुरंत इसे बदलने के लिए कहा। इसके बाद सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल को शरद पवार के पास बैठाया गया। अजित पवार यहां नहीं रुके। उन्होंने टेबल पर लगे नेमप्लेट भी हटाने के लिए कहा।
यह पहली बार नहीं था जब दोनों एक-दूसरे के पास बैठने से बचते नजर आए। इससे पहले दोनों ने 2025 कृषि महोत्सव के उद्घाटन समारोह में भी एक-दूसरे के पास बैठने से इंकार कर दिया था।
अजित पवार ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि वह सिर्फ बाबासाहेब पाटिल का सम्मान कर रहे थे। उन्होंने कहा, "सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल शरद पवार से बात करना चाहते थे। मैं शरद पवार से कभी भी बात कर सकता हूं, इसलिए मैंने बाबासाहेब को बीच में बैठने दिया। मैं दोनों से बातचीत कर सकता था क्योंकि हमारी कुर्सियां पास-पास थीं। बाबासाहेब को पहली बार सहकारिता मंत्री बनने का अवसर मिला, इसलिए मैंने उन्हें वह सम्मान दिया।"
अजित पवार के इस कदम के बीच यह भी अटकलें हैं कि राकांपा के दोनों गुट एकजुट हो सकते हैं। इस दौरान यह चर्चा भी जोरों पर है कि शरद पवार खुद महायुति में शामिल हो सकते हैं, साथ में पार्टी के आठ सांसद और दस विधायक भी शामिल हो सकते हैं।
साभार लाइव हिन्दुस्तान

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