इलाहाबाद HC ने खारिज की ज्ञानवापी केस में मुस्लिम पक्ष याचिका, जारी रहेगा मंदिर बहाली का मुकदमा
प्रयागराज। ज्ञानवापी विवाद की कानूनी लड़ाई में मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा दायर याचिकाओं के एक बैच को खारिज कर दिया, जिसमें वाराणसी अदालत में लंबित मंदिर बहाली की मांग करने वाले सिविल मुकदमे की स्थिरता को चुनौती दी गई थी। हिंदू पक्ष के वादी के मुताबिक ज्ञानवापी मस्जिद मंदिर का ही एक हिस्सा है। अदालत ने कहा कि यह मुकदमा, जो राष्ट्रीय महत्व का है, चलने योग्य है और धार्मिक पूजा स्थल अधिनियम, 1991 द्वारा वर्जित नहीं है। यह निर्णय पवित्र स्थल के आसपास चल रही कानूनी लड़ाई के लिए पर्याप्त निहितार्थ रखता है।
अदालत ने आगे आदेश दिया कि मामले की तात्कालिकता को रेखांकित करते हुए, निचली अदालत में मुकदमे की कार्यवाही में तेजी लाई जानी चाहिए। छह महीने के भीतर इसे समाप्त किया जाना चाहिए। कोई भी अंतरिम आदेश, यदि अस्तित्व में है, न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया है। यह फैसला एएसआई द्वारा जिला अदालत में मस्जिद परिसर पर एक सीलबंद कवर में एक सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के एक दिन बाद आया है। इसमें अगली सुनवाई के लिए 21 दिसंबर की तारीख तय की गई है। यदि आगे की जांच आवश्यक समझी जाती है, तो निचली अदालत एएसआई को निर्देश दे सकती है।
काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है। यह वाराणसी में गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। ज्ञानवापी मस्जिद मंदिर के बगल में है और इसका निर्माण 17 वीं शताब्दी में मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा किया गया था।
इस मामले में कुल पांच याचिकाएं दाख़िल थीं जिनमें सर्वे आदेश और स्वामित्व को लेकर विवाद था। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की सभी याचिकाओं को खारिज़ कर दिया और वाराणसी की कोर्ट को छह महीने में सभी मामले तय करने का निर्देश दिया है।
साभार लाइव हिन्दुस्तान