किसानों की मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ ने आवेदन दिया।
हाटपिपल्या निप्र भारतीय किसान संघ द्वारा अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री एवं कलेक्टर के नाम अलग-अलग मांगों को लेकर नायाब तहसीलदार हर्षा वर्मा को आवेदन दिया। मुख्यमंत्री के नाम एवं कलेक्टर के नाम दिया गया आवेदन का वाचन करते जिला सह संयोजक हरिश मंडलोई ने बताया कि सेवा सहकारी संस्थाओं में किसानों द्वारा लिए गए ऋण को जमा करने कि सरकार द्वारा समय सिमा 30 मार्च 2025रखी गई है अगर इस निर्धारित अवधि में किसानो ने श्रण जमा नहीं करवाया तो किसान ओवर ड्यु हों जायेगे , और 0% ब्याज की जगह किसानों को ब्याज दर दंड लगेगा, 30 मार्च तक सभी किसान ऋण चुकाने में सक्षम नहीं है, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि पिछले वर्ष गेहूं चने की फसल लगातार ढूंढ पढ़ने भारी नुक्सान हुआ था, इसी प्रकार सोयाबीन की फसल भी वायरस के कारण नष्ट हो गई थी जो थोड़ी बहुत पैदा हुई उसका भी सही भाव किसानों को नहीं मिल पा रहा है, अभी तक शासन प्रशासन द्वारा विगत वर्षों का राहत राशि एवं बीमा क्लेम किसानों को नहीं मिला जिससे किसानों की आर्थिक स्तिथि खराब हो गई, अभी किसनो का गेहूं सरसों एवं चना समर्थन मूल्य पर नहीं तुला है, हमारी हाटपिपल्या तहसील में कलेक्टर द्वारा सर्वदलीय बैठक कर सोयाबीन फसल का सर्वे भी करवाया गया था, सर्वे रिपोर्ट में भी 80% फसल नुकसानी पाई गई थी इसके बाद भी आज तक किसानों को ना तो राहत राशि मिली ना ही बीमा क्लेम मिला इसी को लेकर अनुरोध है कि सोसाइटी की ड्य डेत 30 मार्च से बड़ा कर 15मई कर दी जाये। साथ ही सैटेलाइट सर्वे से जो फसल नुकसान सर्वे किया जा रहा यह किसानों के साथ सरासर धोखा है । कृपया कटिंग और रिमोट सेंसिंग पद्धति से लिए गए आंकड़े मे बहुत बड़ा अंतर आता है। अतःभारतीय किसान संघ रिमोट सेसिंग पद्धति का विरोध करता है। क्रॉप कटिग के द्वारा ही सर्वे किया जाये। एवं 2024,2025 की रवि एवं खरीफ फसल का नुकसान का बीमा क्लेम दिया जाये, कलेक्टर महोदय से मांग की गई है कि नर्मदा कालीसिंध सिंचाई परियोजना का कार्य अति शीघ्र पुरा करवाकर लाभांवित क्षेत्र के किसानों को अगले सिजन में सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध करवाया जाये , क्योंकि यहां योजना सन 2018 से प्रारंभ हुई 5 वर्ष में यह योजना पूर्ण होनी थी , जो कि अभी तक अपूर्ण है इसका कार्य शीघ्र पूर्ण हो। गेहूं की नरवाई जलाने पर कृषि विभाग देवास द्वारा बार-बार समाचार पत्रों में न्यूज़ लगवा कर नरवाई जलाने वाले किसनो को अर्थ दंड लगाकर कानूनी कार्यवाही करने का डर बताकर धमकाया जा रहा है जिससे किसानों मे भय एवं आक्रोश बढ़ रहा है रहा है। अगली फसल हेतु खेत तैयार करने के लिए नरवाई जलाना किसानों की मजबूरी है। इसलिए उच्च न्यायलय के निर्देशों का पालन करते हुए जिला प्रशासन किसानों को नरवाई नष्ट करने के संसाधन उपलब्ध करवाई,। इस अवसर पर जिला कोषाध्यक्ष केदारमल पाटीदार, संयोजक माखन नाहर, तहसील अध्यक्ष रामनारायण यादव, मंत्री ओमप्रकाश मंडलोई, उपाध्यक्ष महेश मुकाती , राम गवंला , सह मंत्री अनिल शर्मा, नगर अध्यक्ष प्रकाश मुकाती, ग्राम समिति अध्यक्ष संतोष गोठी, आजाब पटेल, मंत्री सागरमल पाटीदार, राधेश्याम पाटीदार आदि मौजूद थे।