भक्ति और सेवा का पर्व बना जन्मदिन— कुणाल पंचोली का प्रेरक उदाहरण
राजेश धाकड़
फ़िल्म जगत में अपनी पहचान बना चुके और समाजसेवा में हमेशा आगे रहने वाले कुणाल पंचोली ने इस बार अपना जन्मदिन कुछ अलग अंदाज़ में मनाया। संयोग से इस वर्ष उनका जन्मदिन धनतेरस के शुभ पर्व पर पड़ा, जिसे उन्होंने भक्ति, सेवा और दान के संगम के रूप में मनाया। महादेव के अनन्य भक्त पं कुणाल पंचोली ने दिन की शुरुआत महाकाल आराधना से की। मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने गौमाता की सेवा करते हुए गौशाला में चारा वितरित किया। इसके बाद ज़रूरतमंदों और असहाय लोगों को भोजन, वस्त्र और दान सामग्री वितरित कर मानवता की मिसाल पेश की। कुणाल पंचोली ने कहा, मेरे लिए जन्मदिन सिर्फ़ उत्सव नहीं, बल्कि धन्यवाद का दिन है, महादेव और समाज दोनों के प्रति। अगर हर इंसान अपने विशेष दिन पर किसी ज़रूरतमंद की मदद करे, तो वही सच्ची पूजा है। हर वर्ष की तरह इस बार भी कुणाल ने गौवंश की सेवा और दान की परंपरा को निभाया। उनके इस आध्यात्मिक और मानवीय पहल की सराहना सोशल मीडिया पर खूब हो रही है। लोग कह रहे हैं कि आज के दौर में कुणाल जैसे कलाकार ही समाज में सकारात्मक सोच और संस्कारों का संचार कर रहे हैं। कला, अध्यात्म और सेवा, इन तीनों का सुंदर संगम पं कुणाल पंचोली के जीवन में साफ़ झलकता है। महादेव की भक्ति और मानवीय संवेदना का यह मिलन उन्हें एक अलग पहचान देता है।

