केरल में ब्रेन ईटिंग अमीबा से 19 की मौत
तिरुवनंतपुरम। केरल में दुर्लभ और घातक मस्तिष्क संक्रमण ‘अमीबिक मेनिन्जोएन्सेफलाइटिस’ से मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में अब तक इस बीमारी की वजह से 19 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से कई मौतें पिछले कुछ हफ्तों के भीतर हुई हैं, जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है। स्वास्थ्य अधिकारी प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) के मामलों में वृद्धि के बाद सतर्क हो गए हैं।
यह एक मस्तिष्क संक्रमण है जिसकी मृत्यु दर बहुत अधिक है। यह संक्रमण नेग्लेरिया फाउलेरी के कारण होता है, जिसे आमतौर पर 'दिमाग खाने वाला अमीबा' कहा जाता है। इस वर्ष, केरल में इस दुर्लभ बीमारी के 61 मामले पुष्ट हो चुके हैं। इनमें 19 मरीजों की मौत हो चुकी है। यह एक दुर्लभ बीमारी है जो आमतौर पर अमीबा युक्त तालाब में नहाने वाले 26 लाख लोगों में से केवल एक को ही संक्रमित करती है।
केरल के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि जुलाई से ‘‘मस्तिष्क ज्वर’’ के मामलों में वृद्धि को देखते हुए राज्य के उत्तरी ज़िलों में कुओं और तालाबों के क्लोरीनीकरण सहित सफाई अभियान चलाया जा रहा है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा है कि केरल एक गंभीर जन स्वास्थ्य चुनौती से जूझ रहा है। पहले कोझिकोड और मलप्पुरम जैसे ज़िलों में क्लस्टर से जुड़े संक्रमण अब पूरे राज्य में छिटपुट रूप से दिखाई दे रहे हैं।
मंत्री ने बताया कि इस बीमारी के मरीजों में तीन महीने के शिशु से लेकर 91 साल के बुज़ुर्ग तक शामिल हैं। उन्होंने कहा, "पिछले साल के विपरीत, इस बार हम किसी एक जल स्रोत से जुड़े क्लस्टर नहीं देख रहे हैं। ये अलग-अलग मामले हैं, और इसने हमारी महामारी विज्ञान संबंधी जाँच को जटिल बना दिया है।"
साभार लाइव हिन्दुस्तान

