108 फीट ऊंची आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किया अनावरण

  • Share on :

खंडवा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को खंडवा के ओंकारेश्वर में 108 फीट ऊंची आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया। प्रतिमा के अनावरण से पहले उन्होंने पत्नी के साथ पूरे विधि-विधान से साधु संतों के साथ पूजा-अर्चना की। सीएम के साथ स्वामी अवधेशानंद गिरि भी मौजूद रहे। आयोजकों ने परंपरागत तरीके से सीएम और स्वामी अवधेशानंद का स्वागत किया। जिसमें केरल के कलाकारों ने नृत्य किया। विद्वान पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार किया। कार्यक्रम स्थल पर लगभग पांच हजार संत, महंत और प्रतिनिधि मौजूद थे। 
प्रतिमा के अनावरण पर साधु संतों ने जताई खुशी। उन्होंने कहा कि इससे सनातन धर्म को नई दिशा मिलेगी। बता दें कि आठवीं शताब्दी के दार्शनिक और हिंदू धर्म में प्रतिष्ठित शंकराचार्य की 108 फुट ऊंची अष्टधातु से बनी प्रतिमा का नाम एकात्मता प्रतिमा रखा गया है। यह विशाल प्रतिमा नर्मदा नदी के किनारे सुरम्य मांधाता पहाड़ी के ऊपर स्थित है। शंकराचार्य को सनातन धर्म को आगे बढ़ाने वाला संत माना जाता है। पहले इस प्रतिमा का अनावरण 18 सितंबर को होना था लेकिन भारी बारिश की वजह से कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा।
एक अधिकारी ने बताया कि आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास और मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (एमपीएसटीडीसी) के मार्गदर्शन में प्रतिमा को तैयार किया गया है। एकात्मता की प्रतिमा आदि शंकराचार्य की विरासत और उनकी गहन शिक्षाओं को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा, 'यह सांस्कृतिक परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बहुप्रतीक्षित दृष्टिकोण- 'वसुधैव कुटुंबकम' (दुनिया एक परिवार है) को पूरा करेगी। इस 108 फुट ऊंची प्रतिमा के साथ, मध्य प्रदेश सभी धर्मों के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करेगा।
बीजेपी सरकार ने पहले 2,141.85 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी थी, जिसके तहत ओंकारेश्वर में एक संग्रहालय (अद्वैत लोक) के साथ आदि शंकराचार्य की मूर्ति बनाई जानी थी। सीएम गुरुवार को शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसके बाद वे अद्वैत लोक का शिलान्यास और भूमिपूजन भी करेंगे। यह संग्रहालय पुराने मंदिरों की स्थापत्य शैली की तर्ज पर बनाया जाएगा। इसमें थ्री डी होलोग्राम प्रोजेक्शन गैलरी के साथ प्रशिक्षण केंद्र होगा। जो शंकराचार्य के सिद्धांत को समझाने और साझा करने के केंद्र के तौर पर काम करेगा।
साभार लाइव हिन्दुस्तान

Latest News

Everyday news at your fingertips Try Ranjeet Times E-Paper