श्री मद भागवत कथा में उमड़े भक्त, व्यास पीठ से बोले आचार्य- भक्ति के बिना ज्ञान अधूरा है और ज्ञान के बिना वैराग्य संभव नहीं

  • Share on :

कानपुर के नौबस्ता आवास विकास हंसपुरम में श्री ग्यारहमुखी हनुमान मंदिर के 12 वे वार्षिकोत्सव के मौके पर आयोजित हो रही श्री मद भागवत कथा में व्यास पीठ से आचार्य पं सुभाष चंद्र जी महाराज के श्रीमुख से भक्तों ने कथा का श्रवण किया। भक्ति ज्ञान वैराग्य की कथा को भक्तों ने श्रवण किया। आचार्य पं सुभाष चंद्र जी महाराज ने कहा कि भक्ति, भगवान के प्रति प्रेम और समर्पण है, जबकि ज्ञान, सत्य को समझने की क्षमता है, और वैराग्य, सांसारिक मोहों से दूर रहने की भावना है। इन तीनों का संतुलन मनुष्य को मोक्ष की ओर ले जाता है। भगवान के प्रति प्रेम और समर्पण भक्ति है। यह भगवान को अपने जीवन में स्थान देने, उनकी आराधना करने और उनकी कृपा प्राप्त करने की इच्छा है। ज्ञान, सत्य को समझने की क्षमता है। यह भगवान के स्वरूप, उनके गुण और उनके कार्यों को जानने की इच्छा है। वैराग्य, सांसारिक मोहों से दूर रहने की भावना है। यह संसार की क्षणभंगुरता को समझकर, सांसारिक वस्तुओं और भोगों से दूर रहने की इच्छा है। श्रीमद्भागवत कथा में इन तीनों का महत्व बताया गया है। कथा में बताया गया कि भक्ति, ज्ञान और वैराग्य एक दूसरे के पूरक हैं। भक्ति के बिना ज्ञान अधूरा है और ज्ञान के बिना वैराग्य संभव नहीं है। वैराग्य के बिना भक्ति सच्ची नहीं हो सकती है। इस मौके पर मुख्य रूप से राजीव सक्सेना मनोज यादव विकास त्रिपाठी अनुज त्रिपाठी कमल त्रिवेदी राज तिवारी सहित काफी संख्या में पदाधिकारी मौजूद रहे

Latest News

Everyday news at your fingertips Try Ranjeet Times E-Paper