धनतेरस: आयुर्वेद के जनक ऋषि धन्वंतरि का पर्व, बर्तन और गहनों का नहीं - पंडित गोपाल शास्त्री

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इंदौर। Vishwanath Dham मंदिर के प्रख्यात पंडित गोपाल शास्त्री जी ने धनतेरस के असली महत्व पर ध्यान आकर्षित करते हुए मीडिया के समक्ष एक अहम संदेश प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि धनतेरस का दिन केवल बर्तन या गहने खरीदने के लिए नहीं है, बल्कि इसे आयुर्वेद के जनक ऋषि धन्वंतरि की जयंती के रूप में मनाना चाहिए।
पंडित गोपाल शास्त्री जी ने बताया कि ऋषि धन्वंतरि को भारतीय चिकित्सा प्रणाली, आयुर्वेद का जनक माना जाता है। उन्होंने ही स्वस्थ और दीर्घ जीवन का ज्ञान प्रदान किया, जिससे मनुष्य को स्वास्थ्य, समृद्धि और आरोग्य का मार्ग मिला। इस दिन का वास्तविक उद्देश्य स्वस्थ जीवनशैली और आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों को अपनाना है।
उन्होंने कहा कि समय के साथ इस पर्व का रूप बदल गया और इसे बर्तन तथा गहने खरीदने का प्रतीक बना दिया गया, जिसका असल उद्देश्य से कोई संबंध नहीं है। पंडित जी ने इसे एक गुलामी के दौर में उत्पन्न हुई मान्यता बताया, जिसमें असली संदेश को भुला दिया गया और इसे केवल धन-संपत्ति की खरीदारी का दिन माना गया।
पंडित गोपाल शास्त्री जी ने कहा, “ऋषि धन्वंतरि का संदेश है कि आयुर्वेद और स्वास्थ्य का पालन करने से ही व्यक्ति सुख और समृद्धि का अनुभव कर सकता है। इस धनतेरस पर हम सभी को उनके असली संदेश को समझना चाहिए और अपने जीवन में स्वास्थ्य तथा खुशहाली को प्राथमिकता देनी चाहिए।”
 आप सभी को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ 
यह संदेश पंडित गोपाल शास्त्री जी द्वारा Vishwanath Dham मंदिर में मीडिया के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।

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