खंडवा की भाजपा महिला विधायक का चुनाव हो सकता है शून्य

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खंडवा। खंडवा विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज कराने वाली महिला विधायक कंचन मुकेश तनवे के जाति प्रमाण पत्र को चैलेंज करते हुए उनके चुनाव को रद्द करने से संबंधित एक याचिका जबलपुर हाईकोर्ट में लगाई गई है। यह याचिका खंडवा से कांग्रेस नेता कुंदन मालवीय ने लगाई है, जिन्होंने भाजपा की कंचन मुकेश तनवे के विरुद्ध कांग्रेस पार्टी से विधायक का चुनाव लड़ा था। बताया जा रहा है कि चुनाव के समय विधायक तनवे ने जो जाति प्रमाण पत्र पेश किया था, उसमें पिता की जगह पति का नाम लिखा हुआ है, जो मान्य नहीं होता है। इसकी शिकायत भी चुनाव आयोग से की गई थी और उसी को लेकर जनवरी माह में एक रिट पीटिशन जबलपुर हाईकोर्ट में लगाई गयी थी ।
वहीं पिटीशन लगाने वाले कुंदन मालवीया ने बताया कि जब कंचन मुकेश तनवे खण्डवा जिला पंचायत का चुनाव लड़ रही थीं, तब रिटर्निंग आफिसर ने उन्हें इसको लेकर एक नोटिस दिया था कि, आपका जाति प्रमाण पत्र प्रॉपर नहीं है, लेकिन उन्होंने एक शपथपत्र देकर बताया था कि अभी हमारे पास समय नहीं है कि हम जाति प्रमाणपत्र पेश कर सकें, इसलिये हमारे शपथ पत्र को स्वीकार करते हुए हमारी चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं। जिसके बाद जीत दर्ज कर वे जिला पंचायत अध्यक्ष बन गयीं, लेकिन वे सही प्रमाण पत्र पेश नहीं कर पायीं।
यही नहीं, इसके बाद जब दोबारा उन्होंने खंडवा विधानसभा का चुनाव लड़ा था तब भी उन्होंने दोबारा वही जाति प्रमाण पत्र पेश किया था और उसके बाद वे जीतकर विधायक बन गईं, लेकिन हमने जब इस संबंध में जानकारी निकली तो यह फैक्ट सामने आये कि भले ही कोई विवाहित महिला ही हो, लेकिन उसका भी जाति प्रमाणपत्र पिता की जगह पति के नाम से ही होना बनाया जाता है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के जो निर्देश हैं, वे सब जगह एक जैसे ही हैं, जिनके अनुसार जाति प्रमाण पत्र और पेन कार्ड पर पिता का ही नाम आता है।
बता दें कि इसी नियम को आधार बनाकर कुंदन मालवीया ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी कि, इनका जाति प्रमाण पत्र मान्य नहीं है। अतः इनके चुनाव को शून्य किया जाए। हालांकि हाईकोर्ट की करीब तीन से चार सुनवाई के दौरान खंडवा विधायक कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकी और ना ही उनकी ओर से कोई अधिवक्ता उपस्थित हुए थे। बताया जा रहा है कि इसको लेकर कोर्ट इससे नाराज थी और जब सोमवार को सुनवाई के दौरान विधायक की ओर से उनके अधिवक्ता कोर्ट के सामने पेश हुए तो, उन पर 50000 रुपये की कास्ट लगाई गई।
साभार अमर उजाला

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