यूरो कप :  इंग्लैंड, नीदरलैंड को हराकर फाइनल में पहुंचा

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डॉर्टमुंड। सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी के तौर पर खेलने उतरे ओली वाटकिंस ने स्टॉपेज टाइम में निर्णायक गोल दागकर इंग्लैंड को लगातार दूसरी बार यूएफा यूरोपियन चैंपियनशिप (यूरो कप) फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश कराया। डॉर्टमुंड में खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड ने रोमांचक मुकाबले में नीदरलैंड को 2-1 से हराया। मैच के अंतिम समय में वाटकिंस ने कोले पालमेर द्वारा मिले पास पर कॉनर्र से शानदार गोल दागा और टीम को निर्णायक बढ़त दिलाने में सफल रहे। इंग्लैंड का सामना अब खिताबी मुकाबले में स्पेन से होगा जिन्होंने एक अन्य सेमीफाइनल मैच में फ्रांस को 2-1 से मात दी थी। 
इंग्लैंड की इस मुकाबले में शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और जावी सिमंस ने सातवें मिनट में ही गोल कर नीदरलैंड को शुरुआती बढ़त दिला दी थी। हालांकि, इंग्लैंड ने भी वापसी करने में ज्यादा देर नहीं लगाई और हैरी केन ने 18वें मिनट में मिली पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। पहला हॉफ बराबरी पर छूटा, जबकि दूसरे हॉफ में दोनों टीमों ने बढ़त लेने की पुरजोर कोशिश की। मुकाबला अतिरिक्त समय में जाता दिख रहा था, लेकिन तभी सब्स्टीट्यूट खिलाड़े के तौर पर उतरे वाटकिंस ने पालमेर द्वारा मिले पास पर स्टॉपेज टाइम के पहले ही मिनट में गोल करने का मौका नहीं गंवाया। 
गारेथ साउथगेट की टीम इंग्लैंड का अभियान इस यूरो कप में भी शानदार रहा है और वे लगातार दूसरी बार इस टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में प्रवेश करने में सफल रहे हैं। इंग्लैंड की कोशिश 1966 के बाद अपना पहला बड़ा खिताब जीतने की है। इसके लिए उसे फाइनल में स्पेन के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करना होगा जिसने अब तक शानदार खेल दिखाया है। नीदरलैंड 1988 में जर्मनी में आयोजित पिछले यूरो में अपनी जीत दोहराने की उम्मीद कर रहा था, लेकिन उनकी वर्तमान टीम में मार्को वैन बास्टेन या रूड गुलिट जैसी स्टार खिलाड़ी की कमी दिखी। अगर नीदरलैंड की टीम सेमीफाइनल में जीत दर्ज करने में सफल रहती तो यह 2010 विश्व कप के फाइनल की तरह मुकाबला होता।
साभार अमर उजाला

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