शंभू और खनौरी बॉर्डर पर खराब मौसम में भी डटे किसान... वॉकी-टॉकी से दिए जा रहे हैं दिशा निर्देश

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राजपुरा। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर सोमवार को खराब मौसम के बीच भी डटे रहे। कुछ महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों को भी साथ लेकर आईं हैं। वहीं, बॉर्डर पर मोबाइल व नेट बंद होने का भी किसानों ने समाधान निकाल लिया है। किसान नेताओं को अपने जत्थेबंदियों के लोगों से बात करने व उन्हें ढूंढ़ने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते सभी युवा जत्थेबंदियों के नेताओं को वॉकी-टॉकी से लैस किया गया है। 
यह वॉकी-टॉकी जत्थेबंदी नेताओं के अलावा वहां पर हर प्रकार की सेवा में लगे प्रबंधकों के पास उपलब्ध हैं। इससे वहां पर हर प्रकार की मदद पहुंच रही है। नाम न बताने की शर्त पर वॉकी-टॉकी इस्तेमाल कर रहे जत्थेबंदी के किसान नेता ने बताया कि कुछ लोगों को जरूरी समस्याओं व मीटिंग आदि में इकट्ठा होने के लिए वॉकी-टॉकी दिए गए हैं, क्योंकि सरकार की तरफ से यहां मोबाइल व नेट की सेवाएं ठप कर रखी हैं, जिसके चलते काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। 
वॉकी-टॉकी से सभी संगठनों के प्रबंधक आपस में जुड़े रहते हैं और जरूरी कार्यों में सहायता करने में आसानी होती है। किसान नेता ने बताया कि वॉकी टॉकी बांटने से पहले हमारे युवा किसान भाइयों ने अच्छे से प्रशिक्षण दिया। वरिष्ठ किसान नेताओं की निगरानी में होने के कारण सभी समस्याओं का जल्द निस्तारण हो जाता है।
पंजाब के किसानों के हक में युवाओं के जोश और बुजुर्गों के हौसले को बड़ी संख्या में महिलाओं का साथ मिल रहा है। वे लगातार मोर्चे पर डटी हैं। गांव बपरौर से पहुंची महिला रवनीत कौर ने बताया कि महिलाओं में भी भारी जोश है। महिलाएं अपने बच्चों को गोद में उठाकर नारेबाजी करती रहीं। सुरजीत कौर, दलबीर कौर, गुरमन कौर ने बताया कि यह हमारी फसल और नस्ल की लड़ाई है। इसमें अगर वह शहीद भी हो जाती हैं तो कोई गम नहीं। हमने बच्चों को भी गुरुओं के बताए मार्ग पर चलने को प्रेरित किया है, इसलिए इन्हें अपने साथ लेकर चल रहे हैं।
साभार अमर उजाला

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