नव उत्कर्ष के लिए कार्य से ही नहीं विचारों से भी अवकाश आवश्यक है

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नव वर्ष के शुभ आगमन का आनंद संपूर्ण वातावरण में हवाओं में, फिज़ाओं में इस समय अनुभव किया जा सकता है अधिकांश लोग नव वर्ष पर अवकाश लेकर अपने परिवार व दोस्तों के साथ समय बिताना चाहते हैं जो कि हर्ष का विषय है। इस अवसर पर  अनेकानेक भविष्य की योजनाएं बनाते हैं तथा गुज़रे वक्त का आंकलन करते हैं। वास्तव में अवकाश क्या है क्या एक विशेष समय ही हमें आनंद प्रदान कर सकता है या अवकाश प्रदान कर सकता है ? और क्या अवकाश सिर्फ काम से होना चाहिए विचारों से नहीं?परम पूज्य माताजी श्री निर्मला देवी जी के अनुसार, चित्त जब आत्मा पर होता है तो आप गुणातीत, धर्मातीत तथा कालातीत हो जाते हैं। कालातीत अर्थात समय का आप पर कोई प्रभाव नहीं होता। कलियुग में कई समस्याओं में से एक है समय का अभाव वर्तमान समय में व्यक्ति अपने आने वाले दिन, सप्ताह तथा कई बार महीने भर की प्लानिंग पूर्व में ही कर लेते हैं। इसके पश्चात भी उनके पास अवकाश जैसी कोई व्यवस्था नहीं होती। अवकाश का अर्थ आराम नहीं होता, वरन् सही मायने में अवकाश का अर्थ होता है, स्वयं को स्वयं से जोड़ना इसके लिए आपका माध्यम कला, प्रकृति अथवा ध्यान हो सकते हैं और यह आप तभी प्राप्त कर पाते हैं, जब आप वर्तमान में स्थापित होते हैं। हम सदैव भूतकाल अथवा भविष्य काल से जुड़ जाते हैं फलस्वरूप ढेरों योजनाएं बनाने के बाद भी हमारा कार्य हमें संतुष्टि नहीं दे पाता। वर्तमान में भविष्य की चिंताओं में व्यस्त होते हैं और जब भविष्य वर्तमान हो जाता है तब भूतकाल के लिए अफ़सोस करते हैं। परंतु अपने चित्त को वर्तमान में रखना अत्यंत कठिन कार्य होता है। श्री माताजी की कृपा से सहजयोग में यह कार्य अत्यंत ही सहज हो जाता है।  सहजयोग के विभिन्न आयामों में से एक है- निर्विचारिता।  निर्विचारिता रूपी औजार से हम अपने व चित्त को पकड़े रख पाते हैं तथा वर्तमान में स्थित हो पाते हैं। ऐसे में हमारे भीतर की सृजनात्मक शक्ति जो स्वयं आदिशक्ति श्रीमाताजी हैं, जागृत हो जाती है तथा प्रत्येक कार्य बिना किसी योजना के चमत्कारिक रूप से स्वयं ही पूर्ण होने लगते हैं। इस अवस्था में हम कार्यरत होते हुए भी अवकाश में, आनंद में तथा परमात्मा के सानिध्य में होते हैं। कभी समयाभाव नहीं होता। इस स्थिति को प्राप्त करने हेतु अवश्य ही सहजयोग ध्यान को इस नववर्ष अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
सहजयोग ध्यान का आनंद और अनगिनत लाभ लेने हेतु आप अपने नज़दीकी सहजयोग ध्यान केंद्र की जानकारी टोल फ्री नंबर 1800 2700 800 अथवा यूट्यूब चैनल लर्निंग सहजयोगा से प्राप्त कर सकते हैं। सहज योग पूर्णतया निशुल्क है।

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