वानखेड़े में पहले सेमीफाइनल में भारत का सामना न्यूजीलैंड से, दोनों टीमों के लिए पहले 15 ओवर होंगे निर्णायक

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मुंबई। वनडे विश्व कप 2023 के पहले सेमीफाइनल में भारत का सामना न्यूजीलैंड से है। टीम इंडिया इस विश्व कप में अब तक अजेय रही है और अपने घरेलू मैदान में चैंपियन बनने की प्रबल दावेदार है, लेकिन टीम इंडिया के लिए यह आसान नहीं होगा। भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ सभी प्रारूपों में अपने पिछले चार नॉकआउट मैच गंवाए हैं। वहीं, न्यूजीलैंड पिछले तीन वनडे विश्व कप में मेजबान टीम से हारकर बाहर हुआ है। ऐसे में इनमें से एक रिकॉर्ड का बुधवार को वानखेड़े में टूटना तय है। हालांकि, जो टीम दोनों पारियों में शुरुआती 15 ओवर में बेहतर खेल दिखाएगी। उसका मैच जीतना लगभग तय हो जाएगा। वानखेड़े के आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं।
पहले 15 ओवर में न हारें मैच
वानखेडे़ की पिच हमेशा से संतुलित रही है और इसमें हर खिलाड़ी के लिए थोड़ी मदद होती है। नई गेंद से तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है और गेंद थोड़ी पुरानी होने पर स्पिन गेंदबाजों को टर्न और उछाल मिलता है। वहीं, ओस आने के बाद बल्लेबाजी बेहद आसान हो जाती है। बल्लेबाज भी उछाल का फायदा उठाकर आसानी से बड़े शॉट खेल सकते हैं। ऐसे में टीम इंडिया शुरुआत से बड़े छक्के लगाने की बजाय संभलकर खेलना ज्यादा पंसद करेगी। वहीं, टॉस हारने वाली टीम के लिए इस मैदान में ज्यादा मुश्किलें रहेंगी। 
इस विश्व कप में वानखेड़े में पहले बल्लेबाजी करते समय औसत स्कोर छह विकेट पर 357 रन और लक्ष्य का पीछा करते समय नौ विकेट पर 188 रन रहा है। लक्ष्य का पीछा करते हुए ग्लेन मैक्सवेल ने इसी मैदान पर ऐतिहासिक दोहरा शतक लगाया था। हालांकि, नई गेंद शाम के समय लंबे समय तक अधिक स्विंग और सीम कर रही है। पावरप्ले का औसत स्कोर पहली पारी में एक विकेट पर 52 रन है। वहीं, दूसरी पारी में यह चार विकेट पर 42 रन हो जाता है। इसी मैदान पर भारत ने लक्ष्य का बचाव करते हुए श्रीलंका को 55 रन पर आउट किया था। आम तौर पर पहली पारी में बल्लेबाजों के लिए पावरप्ले बेहतर रहा है, लेकिन दूसरी पारी में मैक्सवेल जैसी पारी खेलने का मौका रहता है।
टॉस हारने पर बढ़ेंगी मुश्किलें
मैक्सवेल जैसी पारी के बारे में सोचकर कोई भी अपनी रणनीति नहीं बना सकती। क्योंकि ऐसी पारियां कई वर्षों में एक बार खेली जाती हैं। ऐसे में दोनों टीमों को टॉस हारने पर विपक्षी टीम को कम से कम स्कोर पर रोकने की रणनीति बनानी होगी। वहीं, टॉस जीतने पर बिना कुछ सोचे पहले बल्लेबाजी करना बेहतर विकल्प होगा। लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को पहले 15 ओवरों तक लगभग टेस्ट क्रिकेट की तरह बल्लेबाजी करनी होगी। हमने देखा है कि रात में बल्लेबाजी करना आसान हो जाता है, लेकिन आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि रात होने तक और ओस आने से पहले आप दो से अधिक विकेट न खोएं।
न्यूजीलैंड का माइंडगेम शुरू
न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर और 2019 विश्व कप के दौरान भारत को सेमीफाइनल में हराने वाली कीवी टीम का हिस्सा रहे रॉस टेलर ने तो माइंड गेम भी खेलना शुरू कर दिया है। उन्होंने मुंबई के वानखेड़े में होने वाले सेमीफाइनल से पहले बड़ा बयान दिया। टेलर ने कहा- इस बार भारत खिताब का दावेदार है। वह अपने घर में खेल रहा है और लीग राउंड में काफी शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि, जब हारने को कुछ नहीं होता तो न्यूजीलैंड की टीम खतरनाक हो जाती है। अगर टीम इंडिया किसी भी टीम का सामना करने में नर्वस होगी तो वह न्यूजीलैंड की टीम है। अगर न्यूजीलैंड जल्दी विकेट निकालने में सफल रहता है तो भारत के मध्यक्रम पर काफी दबाव होगा।
हॉकआई डेटा से पता चलता है कि लगभग दस ओवर के बाद गेंद स्विंग होना बंद हो जाती है, लेकिन सीम मूवमेंट की समस्या 15वें ओवर तक बनी रहती है। हालांकि, लगभग 20 ओवरों के बाद, दोपहर की तुलना में बल्लेबाजी करना आसान हो जाता है। इसलिए, उदाहरण के लिए, यदि भारत टॉस हार जाता है, तो रोहित शर्मा से उस तरह की आक्रामक बल्लेबाजी की उम्मीद न करें जैसे वह इस विश्व कप में खेल रहे हैं। यदि न्यूजीलैंड लक्ष्य का पीछा कर रहा हो तो उससे भी ऐसे ही संभलकर खेलना होगा।
रवींद्र जडेजा के खिलाफ रन बटोर सकते हैं कीवी
न्यूजीलैंड ने भारत को 2019 विश्व कप से बाहर कर दिया था, लेकिन इस बार उनका मुकाबला बेहतर फॉर्म में चल रही एक बेहतर टीम से है। भारत के गेंदबाजी आक्रमण की तुलना अब सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ वनडे आक्रमण से की जा रही है, जिसमें मोहम्मद शमी भी शामिल हैं। भारतीय गेंदबाजों से पार पाने के लिए न्यूजीलैंड तो एक गेंदबाज को निशाना बनाना होगा। इस विश्व कप में एकमात्र मैच जिसमें रवींद्र जडेजा ने दस ओवर फेंके और एक भी विकेट नहीं लिया, वह न्यूजीलैंड के खिलाफ था। कीवी टीम के शीर्ष छह में तीन बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, जिनके बाद मिशेल सेंटनर भी बल्लेबाजी के लिए आते हैं। न्यूजीलैंड की टीम पिछली बार की तुलना में जडेजा के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करना चाहेंगे, जब उन्होंने केवल 48 रन दिए थे।
भारत जडेजा को शामिल करने से पहले ही बाएं हाथ के दो शुरुआती बल्लेबाजों से पार पाने की कोशिश करेगा। यदि हार्दिक पांड्या उपलब्ध होते, तो भारत आर अश्विन को खिलाने के बारे में भी सोच सकता था, लेकिन अब इसका कोई सवाल ही नहीं है।
रचिन-फिलिप्स निशाना बना सकता है भारत
न्यूजीलैंड के पास भारत की तुलना में अधिक गेंदबाजी विकल्प हैं लेकिन केवल चार विशेषज्ञ गेंदबाज हैं। न्यूजीलैंड की सफलता का एक बड़ा हिस्सा उनके पार्ट टाइम स्पिनर ग्लेन फिलिप्स और रचिन रवींद्र का शानदार प्रदर्शन रहा है। आज के समय में जब दो नई गेंदे और 30 गज के दायरे के अंदर अतिरिक्त फील्डर के नियम के चलते पार्ट टाइम गेंदबाज लगभग विलुप्त हो चुके हैं। न्यूजीलैंड के दोनों पार्ट टाइम गेंदबाजों का इकोनॉमी रेट छह से कम है।
न्यूजीलैंड संभवतः फिलिप्स की तुलना में रवींद्र से ज्यादा गेंदबाजी कराएगा क्योंकि, भारत के लिए शीर्ष छह में कोई बाएं हाथ का बल्लेबाज नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि भारत न्यूजीलैंड को उनके मुख्य गेंदबाजों के पास वापस जाने के लिए मजबूर करने के प्रयास में रवींद्र के खिलाफ तेजी से रन बनाएगा। न्यूजीलैंड के खेमें पांचवें विशेषज्ञ गेंदबाज की कमी के कारण टॉस हारने की स्थिति में भारत के पास तेज गेंदबाजों को आराम से खेलने का मौका होगा, क्योंकि बाद में भारतीय बल्लेबाज पार्ट टाइम गेंदबाजों के खिलाफ रन बटोर सकते हैं।
सैंटनर को संभलकर खेलना जरूरी
भारत को इस मैच में मिचेल सैंटनर के खिलाफ संभलकर बल्लेबाजी करनी होगी। पिछले विश्व कप सेमीफाइनल में उन्होंने भारत के खिलाप 34 रन देकर दो विकेट लिए थे और दो मेडन ओवर भी किए थे। वहीं, धर्मशाला में हुए मुकाबले में उन्होंने 37 रन देकर एक विकेट लिया था। वह एक उच्च गुणवत्ता वाले बाएं हाथ के स्पिनर हैं, जो भारत के खिलाफ अक्सर अच्छा प्रदर्शन करते हैं। इस विश्व कप में उनके 16 में से 15 विकेट दाएं हाथ के बल्लेबाज रहे हैं। बाएं हाथ के बल्लेबाजों को गेंदबाजी करते समय इकोनॉमी रेट भी 1.25 रन प्रति ओवर बढ़ जाता है। भारत के पास नंबर सात से पहले कोई बाएं हाथ का बल्लेबाज नहीं है। हालांकि, अगर टीम इंडिया सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड पांचवें गेंदबाज के खिलाफ आसानी से रन बटोर पाती है तो भारतीय बल्लेबाजों को सैंटनर के खिलाफ कुछ भी अलग प्रयास करने की जरूरत नहीं है। बस उसे विकेट देने से बचना होगा।
रोहित को रोकने के लिए शॉर्ट बॉल का दांव
रोहित शर्मा हर मैच में विस्फोटक शुरुआत करते हैं। इस वजह से विराट कोहली पर कोई दबाव नहीं होता। ऐसा नहीं है कि वह तेजी से बल्लेबाजी नहीं कर सकते, लेकिन अगर जरूरत नहीं है तो वनडे में जो परिस्थितियां मिलती हैं, उनमें कोहली को आउट करना बहुत मुश्किल है। बेशक, न्यूजीलैंड रात में गेंदबाजी करना और स्विंग-सीम करती गेंद से इन दोनों की परीक्षा लेना पसंद करेगा, लेकिन उन्हें दोपहर के लिए तैयारी करनी होगी। अगर भारत पहले बल्लेबाजी कर रहा है, तो कोहली को दबाव में लाने का सबसे अच्छा तरीका रोहित को जल्दी आउट करना है। हालांकि, रोहित इस फॉर्म में नई गेंद से प्रहार कर रहे हैं और पावरप्ले में ही मैच खत्म कर रहे हैं।
धर्मशाला में न्यूजीलैंड ने रोहित के खिलाफ एक भी बाउंसर का प्रयास नहीं किया गया। अगर रोहित टी20 मोड में बल्लेबाजी कर रहे हैं, तो शायद टी20 मोड में गेंदबाजी करना उतना बुरा नहीं होगा। 2021 और 2022 में लगातार दो टी20 विश्व कप खेले गए थे और उस समय अधिकतर गेंदबाज रोहित के खिलाफ शॉट पिच गेंदबाजी कर रहे थे। क्योंकि छोटी गेंदों के खिलाफ हिटमैन का औसत उस समय 14.75 था और टी20 क्रिकेट में यह औसत 14.33 था। रोहित को पुल और हुक पसंद है और वह इससे तेजी से रन बनाते हैं, लेकिन इससे आउट भी हो जाते हैं। यदि न्यूजीलैंड को रोहित का विकेट जल्दी मिल जाता है, तो वे दाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ बाएं हाथ की स्पिन और तेज गेंदबाजों की गुड लेंथ गेंदों के साथ बीच के ओवरों को नियंत्रित करने की उम्मीद कर सकते हैं।
साभार अमर उजाला

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