महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव का नवाचार: निगम परिषद के ढाई साल के कामकाज का लेखा-जोखा किया प्रस्तुत

  • Share on :

इंदौर। महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में नगर निगम परिषद के पार्षदों की "पार्षद कार्यशाला" का आयोजन किया गया। इस विशेष बैठक में भाजपा संगठन मंत्री श्री हितानंद शर्मा, मंत्री श्री तुलसी सिलावट और विधायकगणों की उपस्थिति में सभी 67 भाजपा पार्षदों ने अपने वार्ड में किए गए कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत किया।
बैठक का उद्देश्य पार्षदों को उनके वार्डों में किए गए विकास कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ उनकी वक्तव्य कला को विकसित करना था, जिससे वे जनता से अधिक प्रभावी संवाद स्थापित कर सकें। महिला पार्षदों को विशेष रूप से मंच प्रदान किया गया, ताकि वे बिना किसी सहयोगी की मदद के अपने विचार व्यक्त कर सकें।
महापौर भार्गव ने किया नवाचार
महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, "पार्षद कार्यशाला के माध्यम से पार्षदों को केवल वार्ड विकास ही नहीं, बल्कि निगम परिषद के बजट और प्रशासनिक प्रक्रिया में भी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार किया जा रहा है।" उन्होंने पार्षदों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आने वाले ढाई साल में इंदौर को विश्व गौरव बनाने के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे।
दिनभर चली समीक्षा बैठक
सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक चली इस बैठक में पार्षदों ने वार्डों में हुए कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की, कितना बजट खर्च हुआ और भविष्य की योजनाएँ क्या हैं, इस पर भी चर्चा की गई। खास बात यह रही कि पार्षद पतियों व पीए को बैठक से बाहर रखा गया, जिससे निर्वाचित प्रतिनिधि ही सीधे अपने काम पर चर्चा करें।
यह पहला अवसर है जब प्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री के समक्ष नगर निगम परिषद के पार्षदों ने इस तरह अपने कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। महापौर भार्गव ने इस नवाचार के माध्यम से पार्षदों को शहरी प्रशासन और बजट प्रबंधन में और अधिक कुशल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि जीवन में स्कूल एवं कॉलेज के समय में ओर जब आप प्रोफेशनल दुनिया में आते है तो अलग अलग दोस्त बनते हैं मेरे भी दोस्त बने और भाजपा से टिकट मिला और मेयर बनने के बाद मेंरा परिवार बना है वो है इंदौर के भाजपा परिवार के 67 पार्षद जो मेरा परिवार है। यह मेरे लिए उपलब्धि है। लोकतांत्रित सिस्टम से नगरीय निकाल कैसे चले  इसकी व्यवस्था हमने की है पांच साल में हम अपना पॉलिटिकल डेवलपमेंट कैसे करें सकते है इस विषय पर भी सोचे, नगर निगम की आर्थिक स्थिति पहले के जैसे नहीं है ।आने वाले दो साल में आप जो काम कहोगे वो हम करने की स्थिति में है ,हम अपने शहर के बारे में कुछ भी बोल देते है जब आप दूसरे शहरों में जाएंगे तब आप देखेंगे कि आपका शहर दूसरे शहरों से कितना बेस्ट है। हमें शहर के लिए क्या छोड़ कर जाएंगे,इसकी हमे चिंता कर है।हमारा अपने लोगों से संवाद हमेशा बना रहना चाहिए। हम अपने कार्यों को जनता तक पहुंचने का काम भी करें।

Latest News

Everyday news at your fingertips Try Ranjeet Times E-Paper