जमीन में निवेश: बढ़ता फार्म हाउस का ट्रेंड
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग सिर्फ घर या फ्लैट नहीं, बल्कि सुकून और निवेश का संतुलन खोज रहे हैं। यही कारण है कि अब फार्म हाउस का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। पहले जहाँ लोग शहरों में फ्लैट, रो-हाउस या अपार्टमेंट को निवेश का बेहतर विकल्प मानते थे, वहीं अब ध्यान गांवों, प्राकृतिक इलाकों और हरियाली से घिरे फार्म हाउस प्रोजेक्ट्स की ओर बढ़ रहा है।
क्यों बढ़ा फार्म हाउस में निवेश का आकर्षण
1. रिटर्न ज्यादा, मेंटेनेंस कम:
शहर के फ्लैट और रो-हाउस में किराया तो सीमित होता है लेकिन खर्चे अधिक—मेंटेनेंस, सोसायटी चार्जेस और टैक्स। वहीं फार्म हाउस को आप वीकेंड रेंटल, इवेंट स्पेस या रिट्रीट के रूप में किराये पर देकर बेहतर आय प्राप्त कर सकते हैं।
2. डबल बेनिफिट: उपयोग + इनकम
फार्म हाउस में निवेश करने वाला व्यक्ति इसे खुद के उपयोग के लिए भी रख सकता है — परिवार के साथ छुट्टियाँ बिताने, खेती या ऑर्गेनिक गार्डनिंग के लिए। और जब खुद उपयोग न हो, तो रेंट पर देकर महीने का स्थायी रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है।
3. प्रॉपर्टी वैल्यू में तेजी से वृद्धि
इंडौर-खंडवा रोड, महेश्वर, ओंकारेश्वर जैसे क्षेत्रों में फार्म हाउस प्रोजेक्ट्स की वैल्यू हर साल 20% तक बढ़ रही है। जमीन का रेट लगातार ऊपर जा रहा है क्योंकि शहर की सीमाएँ बढ़ती जा रही हैं।
4. प्रकृति के बीच आधुनिक जीवन
आज के युवा और प्रोफेशनल वर्ग “वर्क फ्रॉम फार्म” की ओर बढ़ रहे हैं — जहाँ हरियाली, स्वच्छ हवा और शांति मिलती है। यही कारण है कि फार्म हाउस अब लक्जरी नहीं, लाइफस्टाइल बन गया है।
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फार्म हाउस बनाम शहर का फ्लैट: रिटर्न की तुलना
निवेश विकल्प औसत रिटर्न/माह वैल्यू ग्रोथ (5 वर्ष) मेंटेनेंस
शहर का फ्लैट ₹10,000–₹15,000 15–20% अधिक
रो हाउस ₹15,000–₹20,000 20–25% मध्यम
फार्म हाउस ₹25,000–₹70,000 40–60% न्यूनतम
निष्कर्ष
जमीन में निवेश हमेशा से सबसे सुरक्षित और स्थायी माना गया है। लेकिन अब यह केवल एक डेड एसेट नहीं रहा। सही लोकेशन पर लिया गया फार्म हाउस आज इनकम जेनरेटिंग प्रॉपर्टी है — जो न सिर्फ मन को सुकून देता है बल्कि निवेशक के भविष्य को भी सुरक्षित बनाता है।
इसलिए कहा जा सकता है —
> “शहर की दीवारों से बेहतर है प्रकृति की गोद में निवेश।”
✍️ आपका गोपाल गावंडे
प्रधान संपादक – रणजीत टाइम्स

