सहजयोग में कोजागिरी (शरद) पूर्णिमा अमृतोत्सव व आत्मोत्थान का जागृत पर्व

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कोजागिरी पूर्णिमा या शारदा 'इंदु पूर्णिमा' के बारे में, जो नवरात्रि के अंतिम उत्सव "दशहरा" और प्रकाश पर्व "दिवाली" के बीच आने वाला पूर्णिमा का फसल उत्सव है,  ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पृथ्वी और चंद्रमा एक-दूसरे के बहुत करीब होते हैं और इसलिए चंद्रमा से प्राप्त होने वाली किरणें आत्मा और शरीर के पोषण के लिए बहुत अच्छी होती हैं। सहज योग  में कोजागिरी को लेकर कोई कथा कहानी का  उल्लेख नहीं है, लेकिन सहज योग के सिद्धांतों के अनुसार, कोजागिरी का महत्व आत्म-जागरूकता, कुंडलिनी जागरण और पूर्णता की ओर बढ़ने के साथ जोड़ा जाता  है। यह शरद पूर्णिमा की रात्रि होती है, जब चाँद अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और अमृत बरसाता है। यह एक जागृत अवस्था का प्रतीक है, जो सहज योग में हमें आत्मसाक्षात्कार और गुरु बनने के लक्ष्य से जोड़ता है। 
   चूंकि कोजागिरी की रात चंद्रमा अपनी सभी 16 कलाओं के साथ प्रकट होता है अत: प्राकृतिक रुप से दूध में औषधीय गुण उत्पन्न करने वाली विशेष किरणें उत्सर्जित करता है। ऐसा माना जाता है कि चांदनी में रखा दूध पीने से कई तरह की बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं। चंद्रमा की रौशनी में खीर खाने की पारंपरिक प्रथा से जुड़ी है साथ ही माँ महालक्ष्मी के आगमन का भी प्रतीक है। सहज योग के अनुसार, कोजागिरी पर चंद्रमा की किरणों में आध्यात्मिक शक्ति होती है, जो सहज योगियों के आत्म-विकास के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे वे द्विज (आत्मा से उत्पन्न) और पूर्ण सहज योगी बनते हैं। 
सहज योग एक ऐसी ध्यान विधि है जो आत्म-साक्षात्कार (self-realization) पर आधारित है। यह वह प्रक्रिया है जो प्रत्येक मनुष्य के भीतर सोई हुई कुंडलिनी ऊर्जा को जागृत करती है।   सहज योग का अभ्यास करने से मनुष्य का आंतरिक परिवर्तन होता है। यह उसे नैतिक, एकाग्र, एकीकृत और संतुलित बनाता है। सहज योग की सुंदरता यह है कि यह आपको किसी भी स्थिति में विचारहीन जागरूकता (thoughtless awareness) की स्थिति में रहने में मदद करता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है। 
सहज योग किसी एक धर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी प्रमुख धर्मों और उनकी मूल शिक्षाओं का सम्मान करता है। 
कोजागिरी की इस रात,  सभी से आग्रह करती है कि आप सभी सहज योगी सहज योग के माध्यम से अपनी आध्यात्मिक यात्रा जारी रखें।   और जो सहज योग में नहीं है, वे स्वयं भी आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करें, और दूसरों को भी आत्मज्ञान प्रदान कर पूर्ण सहज योगी बनने की ओर अग्रसर हों। 
कोजागिरी के अवसर पर इस अनूठी ध्यान पद्धति से जुड़ने, आत्मोत्थान पाने और ईश्वर के साम्राज्य में प्रवेश हेतू सहज योग से जुड़ें और इसके लिए आप अपने नज़दीकी सहजयोग ध्यान केंद्र की जानकारी टोल फ्री नंबर 1800 2700 800 से प्राप्त कर सकते हैं।  सहज योग पूर्णतया निशुल्क है।

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