विघ्नहर्ता भगवान श्रीगणेश

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राजेश धाकड़

कालांतर में जब हमसे हमारा बोध खो गया, हम कर्मों के फल को विस्मृत करके भौतिकता में अंधे होकर उलटे कर्मों के ऋण जाल में फंस कर छटपटाने लगे, हमारे पूर्व कर्मों के फलों ने जब हमारे जीवन को अभाव ग्रस्त कर दिया, तब हमारे ऋषि-मुनियों ने इसका समाधान दिया और हमें गणपति के कर्मकांडीय पूजन से परिचित कराया। पूर्व के नकारात्मक कर्मजनित दुःख, दारिद्र, अभाव व कष्टों से मुक्ति या इनसे संघर्ष हेतु शक्ति प्राप्त करने के लिए, शारदातिलकम, मंत्र महोदधि, महामंत्र महार्णव सहित तंत्र शास्त्र के कई प्राचीन ग्रंथों के गणेश तंत्र में भाद्रपाद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से चतुर्दशी तक यानी दस दिनों तक गणपति का विग्रह स्थापित करके उस पर ध्यान केंद्रित कर उपासना का विशेष उल्लेख प्राप्त होता है। 

श्रीगणपति की संकल्प पूर्वक साधना, आराधना करने से भक्त को चिंताओं से मुक्ति मिलती है एवं समस्त इच्छाएं पूर्ण होती है, मन स्थिर रहता है, अन्न व धन के भंडार भरे रहते हैं तथा विघ्न दूर होकर सभी कार्यों में सफलता मिलती है..।

इस बार श्री गणेश चतुर्थी 27 अगस्त, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान श्री गणेश जी की पूजा- उपासना व स्थापना की जाएगी, अतःआप इस शुभ अवसर का लाभ उठाएं और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा उपासना पूर्ण- श्रद्धा भाव व उत्साह के साथ करें..//

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