नाग पंचमी: श्रद्धा, सुरक्षा और समृद्धि का पर्व

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रणजीत टाइम्स

नाग पंचमी भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्थाओं में विशेष स्थान रखने वाला पर्व है। हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है, जो इस वर्ष [तिथि] को मनाया जा रहा है। नाग पंचमी का पर्व नाग देवताओं की पूजा के लिए समर्पित है, जो हमारी संस्कृति में शक्ति, सुरक्षा, और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।

*धार्मिक महत्त्व*  
नाग पंचमी के दिन लोग नाग देवता की पूजा कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पुराणों के अनुसार, नागों को भगवान शिव के गले का आभूषण माना जाता है और उनकी आराधना से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, नाग पंचमी के दिन नागों को दूध अर्पित करना और उनके प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस पर्व का महत्त्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इसे बुरी शक्तियों और अनिष्ट से रक्षा का दिन माना जाता है।

*विभिन्न क्षेत्रों में मान्यता*  
नाग पंचमी का त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग परंपराओं के साथ मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इस दिन महिलाएं अपने घरों की दीवारों पर नाग देवता की चित्रकारी करती हैं और उन्हें दूध अर्पित करती हैं। उत्तर प्रदेश और राजस्थान में नाग देवताओं के मंदिरों में विशेष पूजन का आयोजन होता है। वहीं, दक्षिण भारत में यह पर्व विशेष धूमधाम से मनाया जाता है, जहां लोग अपने परिवार की सुरक्षा और समृद्धि के लिए नागों की पूजा करते हैं। नेपाल में भी इस पर्व का खास महत्त्व है, और वहां इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

*आधुनिक संदर्भ*  
आज के समय में, नाग पंचमी का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारी प्रकृति और जीवों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर भी प्रदान करता है। नाग पंचमी के माध्यम से हमें यह संदेश मिलता है कि हमें सभी जीवों का सम्मान करना चाहिए और प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीवन जीना चाहिए।

नाग पंचमी का यह पवित्र पर्व हमें हमारी धार्मिक, सांस्कृतिक, और पारंपरिक धरोहर की याद दिलाता है। आइए, इस नाग पंचमी पर हम सभी नाग देवताओं की पूजा कर अपने जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की कामना करें।

*संपादक गोपाल गावंडे*  
*रणजीत टाइम्स*

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