ओंकारेश्वर के पास चल रही सरकारी परियोजनाएं, जैसे- "स्टैच्यू ऑफ वननेस",  दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे

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मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य जी की स्मृति में एक भव्य परियोजना शुरू की जा रही है, जिसे "स्टैच्यू ऑफ वननेस" कहा जाता है। इस परियोजना के तहत 108 फीट ऊंची आदिगुरु शंकराचार्य की मूर्ति स्थापित की जा रही है, जिसे मंडहाता पर्वत पर स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य आदि शंकराचार्य की शिक्षाओं और अद्वैत वेदांत के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाना है।

परियोजना की मुख्य विशेषताएँ:
1. स्टैच्यू ऑफ वनने :
   - 108 फीट ऊंची इस मूर्ति का अनावरण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया है।
   - यह मूर्ति पंचधातु से बनी है और इसमें आदिगुरु शंकराचार्य को 12 वर्षीय बालक के रूप में दर्शाया गया है।
2. अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान:
- इस परियोजना में एक अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान भी शामिल है, जो शंकराचार्य की शिक्षाओं का अध्ययन और प्रसार करेगा।
3. संग्रहालय:
- एक संग्रहालय भी स्थापित किया जाएगा, जिसमें शंकराचार्य जी के जीवन और कार्यों से संबंधित जानकारी और प्रदर्शन होंगे।
4. पर्यटन और विकास:
- इस परियोजना का उद्देश्य ओंकारेश्वर को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है। यह परियोजना 2,141 करोड़ रुपये की लागत से पूरी की जा रही है।
5. पर्यावरण संरक्षण:
- परियोजना के तहत नदी और पर्यावरण की सुरक्षा के उपाय भी किए जाएंगे, जिससे स्थानीय पर्यावरण को कोई नुकसान न हो।
यह परियोजना न केवल आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास भी होगा। ओंकारेश्वर में इस परियोजना के पूरा होने से यह स्थान एक महत्वपूर्ण पर्यटन और शिक्षा केंद्र के रूप में उभरेगा।

ओंकारेश्वर के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे बन रहा है, जो एक प्रमुख परियोजना है। यह एक्सप्रेसवे 1,350 किलोमीटर लंबा होगा और दिल्ली को मुंबई से जोड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण "भारतमाला परियोजना" के तहत हो रहा है और इसे दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना का उद्देश्य दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा के समय को 12 घंटे तक कम करना है।
मुख्य विशेषताएँ:
- लंबाई: 1,350 किमी
- स्पीड लिमिट: 120 किमी/घंटा
- लेन: 8 लेन (भविष्य में 12 लेन तक विस्तार योग्य)
- अनुमानित लागत: ₹1 लाख करोड़
- राज्य: दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, और महाराष्ट्र से होकर गुजरता है।
मध्य प्रदेश में रूट:
- यह एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश के रतलाम, मंदसौर, झाबुआ, और उज्जैन जैसे शहरों से होकर गुजरेगा। इससे इन क्षेत्रों का आर्थिक और सामाजिक विकास भी होगा। 
अन्य सुविधाएँ:
एक्सप्रेसवे पर कई स्पर और इंटरचेंज होंगे जो प्रमुख शहरों और हवाई अड्डों से कनेक्टिविटी बढ़ाएंगे।
रास्ते में फूड कोर्ट, रेस्तरां, फ्यूल स्टेशन, और हेलिपोर्ट जैसी सुविधाएँ होंगी।
यह परियोजना न केवल यात्रा के समय को कम करेगी बल्कि व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा देगी, जिससे इन क्षेत्रों का व्यापक विकास होगा।

 

 

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