बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर चुनाव आयोग के पास जा रहा विपक्ष, लगाए गंभीर आरोप
बिहार में चल रहे 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (SIR) यानी वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर विपक्षी दलों की एक संयुक्त टीम बुधवार को निर्वाचन सदन में चुनाव आयोग (ECI) से मुलाकात करने की तैयारी में है। हालांकि इस बैठक को लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है क्योंकि सभी दलों की ओर से चुनाव आयोग को पुष्टि नहीं मिली है। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, 30 जून को कांग्रेस के एक कानूनी सलाहकार द्वारा आयोग को ईमेल भेजा गया था। इसमें 2 जुलाई यानी आज के लिए बिहार में हो रहे वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की तरफ से "आपातकालीन मुलाकात" का समय मांगा गया था। लेकिन, सभी दलों की तरफ से अब तक पुष्टि न मिलने के कारण यह बैठक स्थगित भी हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार ई-मेल में दावा किया कि वे एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं तथा उन्होंने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल लगभग सभी दलों के नाम लिए। सूत्रों ने बताया कि आयोग ने इन दलों से बैठक के लिए पुष्टि करने को कहा था, लेकिन अब तक उसे दलों से पुष्टि नहीं मिली है। इसलिए बैठक को 'स्थगित' करना पड़ सकता है। इस बीच, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता मनोज झा ने कहा कि उन्होंने बुधवार को आयोग के समक्ष अपनी पार्टी का पक्ष रखने की पूरी तैयारी कर ली है और उन्हें बैठक रद्द होने की कोई जानकारी नहीं मिली है। वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को चुनाव आयोग पर विपक्षी दलों को समय न देने का आरोप लगाया।
बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने की संभावना है। इस बीच, चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के संशोधन की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसका विपक्षी दलों ने तीखा विरोध किया है। विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के नेताओं, विशेष रूप से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस, और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन ने इस कदम को "लोकतंत्र विरोधी" और "संविधान के खिलाफ" करार दिया है। उनका दावा है कि यह प्रक्रिया गरीब, ग्रामीण, और अल्पसंख्यक मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाने की साजिश है।
कांग्रेस करेगी अगुवाई
भाकपा (माले) के नेता दीपंकर भट्टाचार्य ने 'ईटी' से बातचीत में कहा, “मैं बुधवार शाम 5 बजे चुनाव आयोग के साथ होने वाली संयुक्त विपक्षी बैठक में उपस्थित रहूंगा। हम अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे।” कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के भी बैठक में शामिल होने की संभावना है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस को अगुवाई देने का फैसला विपक्षी दलों ने पहले ही कर लिया था।
इसी बीच, मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने मतदाता पंजीकरण से संबंधित नियमों को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, आप उसी विधानसभा क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत हो सकते हैं, जहां आप सामान्य रूप से निवास करते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर आप सामान्य रूप से दिल्ली में रहते हैं, लेकिन आपके पास पटना में घर है, तो आपका नाम दिल्ली की मतदाता सूची में होना चाहिए, न कि पटना की।” उन्होंने यह बात दिल्ली में बूथ लेवल अधिकारियों को संबोधित करते हुए कही।
साभार लाइव हिन्दुस्तान