कुदरती कहर की मार झेल रहा पाकिस्तान, सिंधु डेल्टा उजड़ चुका 80% पानी खत्म, 40 गांव वीरान

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कराची। पड़ोसी देश पाकिस्तान इन दिनों एक कुदरती कहर की मार झेल रहा है। देश के दक्षिणी हिस्से में सिंधु डेल्टा उजड़ चुका है। हालात ये हैं कि वहां से लोगों का पलायन जारी है और बसे-बसाए करीब 40 गांव वीरान पड़ गए हैं और इसी के साथ सिन्धु डेल्टा में एक बसी बसाई सभ्यता उजड़ चुकी है। दरअसल, ये दर्दनाक कहानी है सिंध प्रांत के दक्षिणी छोर पर अरब सागर से सटे सिंधु डेल्टा में बसे उन गांवों की जहां के लोग परंपरागत रूप से खेतीबारी करने और मछली पकड़ने का काम करते थे लेकिन हाल के कुछ वर्षों में समुद्री जल ने वहां अतिक्रमण किया है और सबकुछ नष्ट कर दिया है।
अब इन गांवों से करीब 12 लाख लोग पलायन कर चुके हैं। उनमें से अधिकांश कराची में आकर बसे हैं। पिछले दिनों कराची पलायन करने वाले हबीबुल्लाह खट्टी खारो चान कस्बे के अपने पुश्तैनी गांव मीरबहार में अपनी मां की कब्र पर उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे थे, क्योंकि उनका गांव अब समंदर की आगोश में समाता जा रहा है। जहां उनकी मां की कब्र है, वहां अब समुद्री नमक का साम्राज्य है। जब वह अपनी मां की कब्र पर पहुंचे तो उनके पैरों पर नमक की मोटी चादर चढ़ चुकी थी। यह गांव सिंधु डेल्टा में उस जगह से करीब 15 किलोमीटर दूर है, जहां सिंधु नदी अरब सागर में मिलती है।
हबीबुल्लाह के मुताबिक, खारो चान में 40 गांव हुआ करते थे लेकिन बढ़ते समुद्री जल के कारण अब अधिकांश लुप्त हो चुके हैं। जनगणना के आंकड़ों के अनुसार उस कस्बे की आबादी 1981 में 26000 के करीब थी जो 2023 में घटकर 11,000 रह गई है। हबीबुल्लाह खट्टी अब अपने परिवार के साथ कराची में बसने जा रहे हैं। उनकी तरह इस डेल्टा से करीब 12 लाख लोगों ने पलायन किया है। थिंक टैंक जिन्ना इन्स्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो दशकों में सिंधु डेल्टा से करीब 12 लाख लोग पलायन कर चुके हैं।
यूएस-पाकिस्तान सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज़ इन वॉटर द्वारा 2018 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, सिंचाई नहरों, जलविद्युत बांधों और हिमनदों व बर्फ पिघलने पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण 1950 के दशक से अब तक सिंधु डेल्टा में पानी का बहाव 80 फीसदी कम हो चुका है। इस कारण से डेल्टा में समुद्री जल का विनाशकारी प्रवेश हुआ है और आसपास के गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1990 के बाद से डेल्टा के पानी की लवणता लगभग 70% बढ़ गई है, जिससे वहां फसलें उगाना अब असंभव हो गया है और झींगा मछली और केकड़े की प्रजाति नष्ट हो चुकी है।
साभार लाइव हिन्दुस्तान

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