पीएम मोदी ने दिया सांसदों को सफलता का मंत्र... जमीन से जुड़े रहने और संपर्क मजबूत करने की अपील की

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले आयोजित एक विशेष प्रशिक्षण सत्र के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसदों के साथ लंबी बातचीत की। उन्होंने साथियों को सफलता का मंत्र भी दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यशाला में भाजपा सांसदों के साथ पूरा दिन बिताया और संसदीय प्रभावशीलता को मजबूत करने, निर्वाचन क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने और सार्वजनिक जीवन में नैतिक मानकों को बनाए रखने पर फोकस करने की सलाह दी। इससे पहले कार्यशाला के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सांसदों के बीच समय बिताया। वे सबसे अंतिम पंक्ति में आम कार्यकर्ता की तरह बैठे दिखाई दिए। इससे समावेशिता और खुले संवाद का माहौल बना। दिन भर चली इस बैठक का नेतृत्व युवा और अनुभवी सांसदों ने मिलकर किया।
सूत्रों के मुताबिक, कार्यशाला का एक प्रमुख विषय ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून था, जिसे प्रधानमंत्री ने एक गंभीर सामाजिक मुद्दे के तौर पर सबके सामने रखा। उन्होंने सांसदों से हालिया प्रतिबंध के बारे में जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। उन्होंने खासकर ग्रामीण इलाकों में इसे लेकर जागरुकता फैलाने का आग्रह किया। ग्रामीण इलाकों में जानकारी की कमी पारिवारिक स्तर पर गंभीर चुनौतियां पैदा कर रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों से आह्वान किया कि वे समुदायों को नशे के खतरों और नए कानून के उद्देश्य के बारे में शिक्षित करने में अग्रणी भूमिका निभाएं।
दोपहर के भोजन के बाद के सत्र में संसदीय स्थायी समितियों पर छोटे समूहों में चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने कभी किसी स्थायी समिति में काम नहीं किया है, बल्कि सीधे प्रधानमंत्री की भूमिका में आ गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने नीति निर्माण और शासन की निगरानी में स्थायी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने सांसदों से समिति की रिपोर्टों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करने और समिति के कार्यों को गंभीरता से लेने का आग्रह किया और इसे नीति निर्माण का खजाना बताया।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि उन्होंने गलतफहमी से बचने और समन्वय में सुधार के लिए स्थायी समिति की चर्चाओं से पहले और बाद में मंत्रियों से मिलने के महत्व पर भी जोर दिया। साथ ही उन्होंने सांसदों को अधिकारियों के प्रति पेशेवर सम्मान बनाए रखने की सलाह दी और उन्हें याद दिलाया कि नौकरशाह सांसदों के काम के सूत्रधार होते हैं।
सांसदों को लीक से हटकर सोचने के लिए प्रोत्साहित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे दस्तावेजों और रिपोर्टों का विस्तार से अध्ययन करके चर्चाओं की पूरी तैयारी करने को कहा। उन्होंने कहा, 'नए विचार और अच्छी तरह से शोध किए गए हस्तक्षेप लोकतंत्र को मजबूत करते हैं।' प्रधानमंत्री मोदी ने कॉर्पोरेट लॉबिंग और प्रभाव के प्रति स्पष्ट चेतावनी जारी की और सांसदों को संसद में ऐसे प्रश्न न बनाने की सलाह दी, जो अप्रत्यक्ष रूप से कॉर्पोरेट हितों को बढ़ावा देते हों। उन्होंने संसदीय बहसों को अनावश्यक बाहरी दबावों से बचाने और जन कल्याण को केंद्र में रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
साभार अमर उजाला

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