दोस्ती की ताकत

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एक गांव में रामू और श्याम नाम के दो किसान रहते थे। दोनों बचपन से ही गहरे दोस्त थे और अपनी खेती भी साथ मिलकर करते थे। उनके खेत बगल-बगल में थे और वे हमेशा एक-दूसरे की मदद करते थे। 
एक वर्ष, गांव में भयानक सूखा पड़ा। नदी सूख गई और बारिश का कोई नाम नहीं था। रामू और श्याम ने देखा कि उनकी फसलें सूखने लगीं। गांव के अन्य किसान हताश हो गए और कुछ ने तो खेती छोड़ने का भी सोचा।
लेकिन रामू और श्याम ने हार नहीं मानी। उन्होंने मिलकर एक योजना बनाई। वे रात-रात भर जागकर दूर से पानी लाने लगे और अपने खेतों में पानी डालना शुरू किया। उनकी मेहनत रंग लाई और उनके खेतों में हरियाली फिर से लौट आई।
जब गांव के अन्य किसानों ने यह देखा, तो वे भी प्रेरित हुए और सभी ने मिलकर पानी लाने और खेती करने की मुहिम शुरू की। धीरे-धीरे पूरे गांव में हरियाली छा गई। 
इस घटना से गांव वालों को समझ आया कि संघर्ष के समय में दोस्ती और सहयोग से बड़ी कोई ताकत नहीं होती। एक साथ मिलकर काम करने से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है।
नैतिक शिक्षा: 
संघर्ष के समय में एकता और सहयोग ही हमें बड़ी मुसीबतों से उबरने में मदद करते हैं।

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