आरसीबी के कप्तान बने रजत पाटीदार, बल्लेबाज नहीं गेंदबाज बनना चाहते थे
इंदौर। राॅयल चैलेंजर्स बंगलुरु के कप्तान बने इंदौर के रजत पाटीदार एक बार फिर इंडियन प्रीमियर लीग में अपना जलवा दिखाएंगे। आज रजत सफलता के जिस मुकाम पर है,वहां तक पहुंचने के लिए उन्हें कड़े संघर्ष भी किए और हर बार खुद को साबित किया।
रजत मुश्तक अली ट्राॅफी और विजय हजारे ट्राॅफी में मध्य प्रदेश के कप्तान भी रहे है। यह पहला मौका है, जब इंदौर के किसी खिलाड़ी को कप्तानी का मौका मिला है। रजत पहले गेंदबाज बनना चाहते थे, लेकिन उनके कोच राम अत्रे ने उन्हें बल्लेबाज के तौर पर ट्रेनिंग देना शुरू की और उनका खेल निरखता गया।
रजत के राॅयल चैलेंजर्स की टीम में शामिल होने की कहानी भी रोचक है। उन्हें 20 लाख रुपये में खरीदा गया था। आईपीएल की टीम में रजत को 2022 में लिया नहीं था। तब टीम के लवनिथ सिसोदिया नामक खिलाड़ी चोटिल हुआ थे। उनकी जगह रजत को मौका मिला और उन्होंने अपने बेहतर प्रदर्शन ने टीम में जगह पक्की कर ली। आईपीएल के जब उन्हें बुलावा आया था तो शादी की तैयारी चल रही थी। तब शादी टाल कर वे आईपीएल खेलने गए थे।
रजत पाटीदार मध्य प्रदेश के लिए खेलते है। जब प्रदेश की टीम रणजी चैम्पियन बनी थी, तब वे भी उस टीम में शामिल थे। राॅयल चैलेजस बंगलुरु के लिए उन्होंने 54 गेंदों में 112 रनों की पारी खेली थी। तब से वे चर्चा में आ गए थे। यह पारी उन्होंने लखनऊ सुपर जाइंटस के खिलाफ खेली थी।
उन्होंने 2016 से प्रथम श्रेणी कैरियर की शुरुआत की थी। वे पहले गेंदबाज बनना चाहते थे, लेकिन उनके कोच राम अत्रे ने देखा कि रजन में बल्लेबाज बनने की प्रतिभा है तो फिर बल्लेबाज के रुप में ट्रेनिंग देना शुरू की। रजत इंदौर के विजय क्लब से खेला करते थे। एक समय रजत का फार्म गड़बड़ाने लगा था, तब अमय खुरासिया ने उन्हें ट्रैनिंग दी थी और उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में सुधार किया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
साभार अमर उजाला