सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य किए तेज...
उत्तरकाशी. उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए चलाए जा रहे राहत और बचाव कार्य का आज 12वां दिन है.देर रात ड्रिलिंग के दौरान मशीन के सामने लोहे की सलाखों ने रास्ता रोका जिसे स्पेशल कटर लगाकर उसे काटने की कोशिश की गई और इसके लिए गैस कटर का भी इस्तेमाल किया गया गया. इसके बाद ऑगर मशीन की बिट खराब हो गई.
ऑगर मशीन के बिट को ठीक करने के लिए हेलिकॉफ्टर से मशीन लाई गई. ऐसे में जब रेस्क्यू ऑपरेशन अब अपने अंतिम चरण में है और इसी के मद्देनजर एम्बुलेंस भी तैयार रखी गई हैं.और एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर मौजूद है. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एनडीआरएफ अतिरिक्त स्ट्रेचर तैयार कर रही है जिसमें बेरिंग और पहिया लगाए जा रहे हैं ताकि मजदूरों को लंबी पाइप में क्रॉल ना करना पड़े बल्कि उन्हें पहिए वाले स्ट्रेचर से खींचकर निकल जाए.
सिल्क्यारा सुरंग स्थल पर 'ऑक्सीजन सिलेंडर, मास्क, स्ट्रेचर से लेकर बीपी उपकरण तक' सभी चिकित्सा सहायता मशीनें मौजूद हैं.NDRF के बचाव कर्मी गैस मास्क और स्ट्रेचर लेकर के अंदर जा रहे हैं. हाथों में कई तरह के इक्विपमेंट है जिसमें कटर भी शामिल है. पाइप जैसे ही मलबा पार करेगी सबसे पहले एनडीआरएफ कर्मी पाइप में से घुसकर मजदूरों की तरफ जाएंगे. 12 एंबुलेंस यहां स्टैंडबाई पर रखी गई हैं. एम्बुलेंस स्टाफ सदस्य हरीश प्रसाद ने कहा, "सभी व्यवस्थाएं की गई हैं. हमारी 40 एंबुलेंस यहां तैनात रहेंगी जिन्हें देहरादून, हरिद्वार और टिहरी यहां भेजा जा रहा है. सुरंग के बाहर चेस्ट स्पेशलिस्ट सहित 15 डॉक्टरों की एक टीम को सुरंग के बाहर तैनात किया गया है.'
एनडीआरएफ की टीम पहले से मौके पर मौजूद है और बचाव तथा राहत कार्यों में जुटी हुई है. जैसे ही टनल के अंदर तक पाइप चला जाएगा तो सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को एनडीआरएफ के जवान ही यहां बाहर निकालेंगे.यहां टनल के बाहर प्राथमिक उपचार की भी तैयारी तेज कर दी गई है. टनल के बाहर अस्थायी अस्पताल में आठ बेड लगाए गए हैं.
NDRF की टीम मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने के लिए विशेष पहिये वाले स्ट्रेचर लेकर गई है जिसमें पहिए और बेरिंग लगे हुए हैं. बताया जा रहा है कि श्रमिक अपनी शारीरिक स्थिति के कारण 60 मीटर तक चलने में असमर्थ होंगे. इसलिए ये कदम उठाया गया है. टीम एक विशेष ऑक्सीजन पैक मास्क भी सुरंग में लेकर गई है.
साभार आज तक