रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर बरकरार, सस्ते लोन के लिए बढ़ा इंतजार

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास आज मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नीतिगत फैसले की घोषणा की। केंद्रीय बैंक इस सप्ताह अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर पर यथास्थिति बनाए रखा। दास ने बताया कि आरबीआई मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया।
आरबीआई आवास वापसी पर ध्यान केंद्रित रखेगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार इस साल फरवरी में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था और तब से बेंचमार्क नीति दर में संशोधन नहीं किया है।
दास ने जीडीपी को लेकर कहा, "रियल जीडीपी ग्रोथ इस साल 7 फीसद रहने की उम्मीद है। अगले साल पहली तीमाही में 6.7 पर्सेंट रहेगी। "एमपीसी ने 2024 के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.50 से बढ़ाकर 7 फीसद किया है। महंगाई को लेकर दास ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति व्यापक रूप से नरम रही, लेकिन खाद्य मुद्रास्फीति का जोखिम कायम है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है।
 पांचवीं बार रेपो दर में बदलाव के आसार नहीं थे: विशेषज्ञों का कहना है कि  रेपो दर 6.5 फीसदी पर ही स्थिर रहेगी। रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों की वजह से महंगाई बढ़ने के कारण मई 2022 में रेपो दर में बढ़ोतरी का दौर शुरू हुआ था, जो फरवरी 2023 तक चलता रहा। लेकिन अप्रैल 2023 की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा से रेपो दर स्थिर बनी हुई है।
साभार लाइव हिन्दुस्तान

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