रेपो रेट 5.5% पर रहेगी बरकरार

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नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज देश की मौद्रिक नीतियों से जुड़े बड़े एलान किए। मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिनों की बैठक के बाद आज आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ब्याज दरों पर भी अहम जानकारी दी। उन्होंने एमपीसी के फैसलों को देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति और भावी रणनीतियों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण करार दिया।  
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मुंबई में आज प्रमुख नीतिगत दरों की घोषणा की। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने तटस्थ रुख जारी रखने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि ब्याज दरों को भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और देश में मौजूद क्षमता को देखते हुए तय किया गया है। संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में कमी का एलान नहीं किया। ऐसे में नीतिगत दरों से जुड़े ऋणों की ईएमआई में फिलहाल बदलाव नहीं होने वाली। इससे पहले उन्होंने जून की मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स में कमी का एलान किया था। अप्रैल की पॉलिसी में भी केंद्रीय बैंक ने 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की थी। फिलहाल यह 5.50% पर बरकरार है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, 'मध्यम अवधि में, बदलती विश्व व्यवस्था में भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाएं उज्ज्वल हैं, जो अपनी अंतर्निहित शक्तियों का लाभ उठा रही है।'
इस दौरान आरबीआई के गवर्नर ने सबसे पहले कहा कि मानसून सीजन अच्छा रहा है। आगामी त्योहारी सीजन का जिक्र करते हुए गवर्नर ने कहा कि इससे आर्थिक मार्चे पर उत्साहजनक नतीजे मिलने की आशा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार चुनौतियों के बीच सरकार और आरबीआई की सकारात्मक और सहारा देने वाली नीतियां अर्थव्यस्था के लिए बेहतर साबित होंगी। आरबीआई गवर्नर ने भूराजनीतिक अनिश्चितता को भी रेखांकित किया। बदलते वैश्विक समीकरण के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था शानदार अवसरों और ठोस बुनियाद के साथ मजबूती से आगे बढ़ रही है।
साभार अमर उजाला

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