मां सिद्धिदात्री के आशीर्वाद को पाने का सहज मार्ग है - सहजयोग
नवरात्रि की नवमी तिथि मां सिद्धिदात्री की आराधना का महायोग है। यह एक ऐसा समय है, जब ना अधिक सर्दी पड़ती है ना गर्मी, मानव सुख में रहता है, प्रकृति शांति देने वाली स्थिति में होती है और मां सिद्धिदात्री के पूजन का चैतन्य कण कण में भरा होता है।
आज के दिन माँ सिद्धिदात्री की आराधना करते हुए भक्त हर प्रकार की सिद्धि हेतु प्रार्थना करते हैं, माँ सिद्धिदात्री साहस व शक्ति की प्रतीक हैं । माँ सिद्धिदात्री की उपासना से अनेक सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं, जिससे मानव के लिए संसार में कुछ भी असंभव नहीं रहता |
मां की कृपा से जब सद्गुण हमारे अंदर स्थित होते हैं तब अज्ञान जैसी सबसे बड़ी कमजोरी नष्ट हो जाती है | माँ जगदंबा के आशीर्वाद व सद्गुणों को अपने अंदर स्थापित करने का आसान - मार्ग है सहज योग |
हमारे अंतर के सूक्ष्म शरीर के अनहद चक्र के मध्य में जगदंबा अपने हर स्वरूप में विराजमान हैं और इस चक्र की दाहिनी ओर श्री रामचंद्र व माता सीता का स्थान है | जो हमारे अंदर ही व्याप्त है, उन्हें पाना क्या...वे तो अंदर हैं ही | बस पाने का तरीका पता होना चाहिए और यह तरीका है सहज योग|बात समर्पण की है सहज योग समर्पण का आसान मार्ग है | अनहद चक्र को हृदय चक्र भी कहते हैं| जब हृदय संकीर्ण होगा तो हम उसमें ईश्वर का चैतन्य कितना भर पायेंगे| अत: हृदय को विशाल करना होगा |
जब हमारा चित्त हमारे अंदर होता है, तब ईश्वरीय चैतन्य का प्रवाह हमें यथार्थ की अनुभूति देता है | हमने आठ दिन देवी की आराधना कर ली, आज के दिन अपनी अज्ञानता पर पूर्णरूपेण विजय पाना है, स्वयंसिद्ध बनना है| यही दुर्गा नवमी का संदेश होता है।
तो चलिए सहज योग से जुड़ते हैं, जो सदैव व सर्वथा निशुल्क है| आप अपने आत्म साक्षात्कार को प्राप्त करने हेतु अपने नज़दीकी सहजयोग ध्यान केंद्र की जानकारी टोल फ्री नंबर 1800 2700 800 से प्राप्त कर सकते हैं

