उपनिषदों में वर्णित आत्मतत्व की विवेचना है सहजयोग
सत्यं ज्ञानमनन्तं ब्रम्ह । यो वेद निहितं गुहायां परमे व्योमन् । सोश्नुते सर्वान् कामान् सह ब्रम्हणा विपश्चिनेति ।
अपना भारत देश योगभूमि है। योग, ध्यान भक्ति यहाँ की सनातन परंपरा रही है। इस लेख में हम उपनिषदों मे वर्णित योग या आत्मतत्व पर चिंतन करेंगे। हम सहजयोग ध्यान के अभ्यासक है। सहजयोग प. पू. श्रीमाताजी प्रणित सरल ध्यान प्रक्रिया है। इस ध्यान का शनै: - शनै: अभ्यास करते हुए हम खोज रहे हैं कि इस ध्यान मे जो ज्ञान हमें प्राप्त हुआ वो ज्ञान हमे कहाँ मिल सकता है, तो पता चला की सारे उपनिषद उसी आत्मतत्व की और आनंद की बात कर रहे हैं। उपरोक्त वर्णित श्लोक बता रहा है कि सत्यस्वरूप, ज्ञान- स्वरूप और अनंत स्वरूप परमात्मा हम सभी के हृदय में छुपे हुए हैं । उन परब्रम्ह परमात्मा को जो साधक तत्व से जान लेता है वह सिद्ध पुरुष बाह्य विषयों का सेवन करते हुए भी स्वयं सदा परमात्मा में ही स्थित रहता है। मन, बुद्धि और इन्द्रियों के व्यवहार, उनके द्वारा होने वाली चेष्टायें परमात्मा में स्थित होते हुए भी होती हैं। इसलिये वो अपने कर्मों में लिप्त नही होता है।
तेतरियोपनिषद में साधक की जो स्थिति वर्णन की है, उसे सभी सहजयोगियों ने क्षणभर के लिये तो निश्चित ही जाना है। प.पू. श्रीमाताजी कहते हैं, जब आपको आपका आत्मसाक्षात्कार प्राप्त होता है तो आपकी इड़ा - पिंगला नाड़ी मध्य सुषुम्ना में विलीन हो जाती है। आपकी कुंडलिनी माँ ऊर्ध्वगामी बनकर ब्रह्मरंध्र का छेदन करती है और आपको तत्क्षण निर्विचार अवस्था प्रदान करती है। निर्विचारिता का वह एक क्षण का आनंद बहुत ही अलौकिक होता है इसे साधक अपने हृदय मे सदा के लिये कैद करना चाहता है। उस आनंद को पुनः प्राप्त करने के लिये वह प्रयासरत रहता है। अपने आप को पूर्णतया शुद्ध रखकर वो शनै - शनै ध्यानयोग मे प्रगति करता है। श्रीमाताजी कहते हैं कि ध्यान करना नहीं होता वरन् ध्यान में स्थित होना होता है। आत्मतत्व के प्रति आकृष्ट होने वाला साधक सदैव सहस्त्रार चक्र पर अपना चित्त स्थित रखने की कोशिश करता है। वो सहज ही अपनी चित्तवृत्तियों को अंतर्मुखी बनाने की कला सीख जाता है और अपने जीवन में निरानंद, व अखंड आनंद का अनुभव लेते हुए बड़ी खुशी से अपना जीवनयापन करता है। आप भी इन अलौकिक अनुभवों का आनंद प्राप्त करने हेतु सहजयोग ध्यान को एक अवसर अवश्य प्रदान करें।
आप अपने आत्म साक्षात्कार को प्राप्त करने हेतु अपने नज़दीकी सहजयोग ध्यान केंद्र की जानकारी टोल फ्री नंबर 1800 2700 800 से प्राप्त कर सकते हैं।

