वास्तविक, विकसित व जागृत व्यक्तित्व का निर्माण करता है सहजयोग ध्यान

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सहजयोग ध्यान से व्यक्ति के व्यक्तित्व में किस प्रकार परिवर्तन आता है इसका वर्णन श्री माताजी निर्मला देवी जी ने अपनी अमृतवाणी में इस प्रकार किया है,
सहजयोग एक ऐसी अभिनव चीज़ है, जो आपकी वास्तविकता को आपके अंदर स्थापित करता है, जिसके कारण आप सुरक्षित महसूस करते हैं, क्योंकि आपकी वास्तविकता ही बहुत सुन्दर है। यह आनंददायक है, और तब आप इससे दूर भागना नहीं चाहते। यही वो बात है जिसे हमें समझना है, कि हम यहाँ अपनी वास्तविकता को पाने के लिए, अपने आप को जानने के लिए आए हैं। अपने आप को जानने से, कितनी चीज़ें हमारे साथ घटित हो सकती हैं? आपको शायद इसका अनुमान नहीं है। यह पूरी संपदा जो आप हैं, पूरा वैभव जो आप हैं, पूरी सुंदरता जो आप हैं, यह सब आपकी अपनी हो जाती है। आप अपने जीवन के स्वामी बन जाते हैं.......आप एक अलग तरह के व्यक्ति बन जाते हैं। आप एक उच्चतर विकसित जीवात्मा बन जाते हैं। और तब आप महसूस करते हैं कि आप अचानक एक ऐसे अस्तित्व बन गए हैं, जो सामूहिक रूप से जागृत है। (२४ नवंबर १९८०)
      ....अपनी उपस्थिति से, आप दूसरों को परिवर्तित करना आरंभ कर देते हैं। अपने अस्तित्व से आप दूसरे लोगों को बदलना शुरू करते हैं। आप वातावरण को, और नकारात्मकता की सूक्ष्म समस्याओं को परिवर्तित करने लगते हैं। यह सब उस पेड़ की तरह से कार्यान्वित होता है, जिस तरह से एक वृक्ष फलता-फूलता है। बहार की यह सुगंध अपने चारों ओर एक अलग तरह का आभामंडल बनाती है, जिससे यह अपने आस पास की सभी मधुमक्खियों को शहद इकठ्ठा करने के लिए आकर्षित करती है। इसी तरह, जब एक व्यक्ति आत्मसाक्षात्कारी बनता है, आलोकित होता है, उसका आभामंडल निखर उठता है, और वह लोगों को अपनी ओर आकर्षित करना शुरू कर देता है। (१६ नवंबर १९८०)
आत्मसाक्षात्कार  को प्राप्त करने हेतु अपने नज़दीकी सहजयोग ध्यान केंद्र की जानकारी टोल फ्री नंबर 1800 2700 800 से प्राप्त कर सकते हैं या वेबसाइट www.sahajayoga.org.in पर देख सकते हैं।
सहज योग पूर्णतया निशुल्क है।

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