सहज योग: आत्मा से जुड़ने का सरल मार्ग
सहज योग, योग की वह विधा है जो सरलता और सहजता से आत्मज्ञान प्राप्त करने का मार्ग प्रदान करती है। यह योग हमें न केवल शारीरिक और मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि हमारे भीतर छिपी दिव्यता को जागृत करने में भी सहायक होता है। सहज योग की विशेषता यह है कि इसे किसी जटिल प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होती; यह प्राकृतिक और सरल तरीके से किया जाता है।
सहज योग का अर्थ
'सहज' का अर्थ है 'स्वाभाविक' और 'योग' का अर्थ है 'जुड़ना'। यह विधा आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का स्वाभाविक और आसान साधन है। सहज योग में ध्यान और आत्मसाक्षात्कार के माध्यम से अपने भीतर की ऊर्जा को जागृत किया जाता है। इसे कुंडलिनी जागरण के नाम से भी जाना जाता है।
सहज योग के लाभ
1. आंतरिक शांति: यह योग मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
2. तनाव मुक्त जीवन: सहज योग के माध्यम से तनाव, चिंता और अवसाद को नियंत्रित किया जा सकता है।
3. आध्यात्मिक उत्थान: यह आत्मा की गहराई में जाकर हमें परमात्मा के निकट लाता है।
4. शारीरिक स्वास्थ्य: नियमित अभ्यास से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर स्वस्थ रहता है।
5. संबंधों में सुधार: सहज योग हमें दूसरों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करने में मदद करता है।
सहज योग की विधि
1. आरंभ करें: शांत वातावरण में बैठें और अपनी रीढ़ सीधी रखें।
2. कुंडलिनी जागरण: अपने भीतर की कुंडलिनी ऊर्जा को जागृत करने के लिए ध्यान केंद्रित करें।
3. ध्यान: अपनी आत्मा पर ध्यान केंद्रित करें और अपने भीतर की ऊर्जा को महसूस करें।
4. सकारात्मक विचार: अपनी सोच को सकारात्मक बनाए रखें और आत्मा की शुद्धता पर ध्यान दें।
सहज योग और आधुनिक जीवन
आज की व्यस्त जीवनशैली में सहज योग अत्यंत प्रासंगिक है। यह न केवल हमारी आत्मा को ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। सहज योग हमें यह सिखाता है कि जीवन में सच्चा सुख और शांति बाहरी चीजों में नहीं, बल्कि हमारे भीतर है।
निष्कर्ष
सहज योग केवल एक साधना नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। यह हमें सिखाता है कि हम अपने भीतर की शक्ति और दिव्यता को पहचानें। आइए, हम सहज योग को अपनाकर अपने जीवन को और अधिक संतुलित, शांत और सशक्त बनाएं।
"सहज योग अपनाएं, आत्मा से जुड़ें और सच्ची शांति का अनुभव करें।"
आपका गोपाल गावंडे
मुख्य संपादक, रणजीत टाइम्स