भिक्षावृक्ति रोकने हेतु इंदौर में फिर से लागू, भारतीय न्याय संहिता की प्रतिबंधात्मक धारा 163

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दीपक वाड़ेकर

नवीन कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने आते ही इंदौर में भिक्षावृक्ति अभियान को नई दिशा प्रदान करते हुए पूरी ऊर्जा से भिक्षावृत्ति मुक्त अभियान चलाएं जाने हेतु जहां सभी प्रकार के प्रबंध किए हैं वही इंदौर राजस्व सीमा के अंतर्गत चौथी बार फिर से भारतीय न्याय संहिता (भारतीय नागरिक संहिता 2023)की धारा 163 लागू कर दी है कलेक्टर महोदय ने अपने हस्ताक्षर से 30 अक्टूबर 2025 से 25 दिसंबर 2025 तक के लिए फिर से प्रतिबंधात्मक धारा 163 जारी कर दीl ज्ञात हो कि पूर्व में भी यह धारा तीन बार इंदौर में लगाई जा चुकी है जिसके चलते भिक्षावृक्ति करने वालों पर कानूनी कार्यवाही की गई है भिक्षा लेने एवं भिक्षा देने दोनों को प्रतिबंधित करते हुए भिक्षा देने वालों पर भी FIR कराई गई है, अभी वर्तमान में लगातार भिक्षावृत्ति अभियान के तहत कार्यवाहियां की जा रही है महिला बाल विकास विभाग के दलों के द्वारा सुबह से शाम तक सभी चौराहों मंदिरों एवं गलियों में निगरानी कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है एवं प्रतिदिन भिक्षावृत्ति करने वालों को रेस्क्यू कर पुनर्वास केंद्र भेजा जा रहा है भिक्षावृत्ति करने वालों पर कानूनी कार्यवाही करने के लिए कलेक्टर महोदय ने भारतीय  नागरिक अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत भिक्षावृत्ति को पूर्ण प्रतिबंध करते हुए आदेश जारी किया है

""इंदौर में किसी भी प्रकार की भिक्षावृक्ति को पूर्ण प्रतिबंध किया जाता है भिक्षुकों को भिक्षा स्वरूप कुछ भी देना या उनसे किसी भी प्रकार का सामान खरीदना प्रतिबंधित किया जाता है जो व्यक्ति भिक्षकों को भिक्षा स्वरूप कोई भी चीज प्रदान करता है या देता है या कोई सामान खरीता है तो उस व्यक्ति के विरुद्ध  भी इस  आदेश के  उल्लंघन के लिए कानूनी कार्यवाही की जाएगी"

 इंदौर में फरवरी 2024 से महिला बाल विकास विभाग के द्वारा लगातार भिक्षावृत्ति उन्मूलन के प्रयास जारी है और इस अभियान के तहत इंदौर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने में शासन को काबिले तारीफ सफलता भी हासिल हुई है, जहां इंदौर में हर मंदिर चौराहा में भिक्षावृत्ति करने वालों की भीड़ दिखाई देती थी आज चोरी छुपे एक या दो लोग ही दिखाई पड़ते हैं जो कि शासन के प्रयासों को दर्शाता है l कलेक्टर महोदय के जारी इस आदेश से यह निश्चित हो गया है कि यह अभियान लगातार चलता रहेगा और आगामी समय में इस संबंध में और भी कार्यवाहियां होगी

इंदौर भारत का ऐसा पहला शहर है जो भिक्षावृत्ति मुक्त शहर के रूप में संपूर्ण देश में जाने-जाने लगा है जिस तरह इंदौर ने स्वच्छता में अपनी पहचान बनाई थी उसी तरह आज इंदौर भिक्षावृत्ति मुक्त अभियान में अपनी पहचान बना रहा है, महिला बाल विकास अधिकारी श्री रजनीश सिंन्हा जी का कहना है कि इंदौर की जनता हर अभियान और कार्यवाही में हमेशा अग्रणी रहती है और शासन को पूरा समर्थन प्रदान करती है तो उम्मीद है कि इस अभियान में भी जनता का पूरा सहयोग मिलेगा और जनता के द्वारा भिक्षावृत्ति को पूर्ण प्रतिबंध करने में अपना संपूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा. भिक्षावृत्ति ऐसी सामाजिक समस्या है जिसमें अनेक बच्चों का बचपन छीन जाता है न केवल वह कुपोषण बल्कि चोरी ड्रग्स एवं अन्य आपराधिक गतिविधियों में भी आसानी से शामिल हो जाते है. इसलिए शासन के द्वारा" भिक्षा नहीं शिक्षा दो"  पर फोकस किया जा रहा है

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