वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र बज का गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शाल श्रीफल से पूजन किया
हाटपीपल्या से संजय प्रेम जोशी की रिपोर्ट
गुरु शिष्य परंपरा प्राचीन संस्कृति की धरोहर है मनुष्य के जीवन में उसकी प्रथम गुरु माँ होती है फिर पिता इसके बाद जीवन को आगे बढ़ाने के लिए हमारे शिक्षक जिन्हें प्राचीन काल में गुरुजी कहा जाता था वह तीसरे गुरु होते थे जीवन को सार्थक बनाते हैं इसलिए हमें गुरु का सहारा लेना ही पड़ता है कहा जाता है की गुरु बिना ज्ञान नहीं गुरु ही हमारा पथ प्रदर्शक होता है इसी परंपरा को निभाते हुए आज कलम के सजग प्रहरी एवं वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र बज का गुरु पूर्णिमा के अवसर पर साल श्रीफल से पूजन किया गया इस अवसर पर पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष एवं जन परिषद अध्यक्ष संजय प्रेम जोशी पत्रकार संतोष वर्मा पंकज पाठक विनोद जाट राकेश पुण्यासी अनिल धोसरिया मनोज कारपेंटर कमल सोलंकी आदि उपस्थित थे पूजन के बाद श्री बज ने सभी पत्रकारों को अपना आशीर्वाद दिया और कहा कि आपके पास जो कलम की ताकत है उसे आप समाज के हित में लिखते रहें यहीं आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मेरा आप लोगों को आशीर्वाद है।

