सुपर =अरावली परिसर की बदहाल व्यवस्था देखने पहुंचे एनजीओ के अस्थायी कर्मचारी, रहवासियों ने जताया विरोध

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अरावली परिसर, रहवासियों की नाराज़गी, जर्जर फ्लैट, सीलन भरी दीवारें, सीवरेज का पानी प्लेट का दोहरीकरण 
इंदौर। इंदौर से बड़ी ख़बर आ रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भूरी टेकरी स्थित अरावली परिसर की बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर रहवासी फिर से नाराज़ हो गए हैं। रहवासियों की लगातार शिकायतों के बाद जहां मौके पर नगर निगम के उच्च अधिकारियों को भेजे जाने की बात कही गई थी, वहीं शनिवार को पहुंच गए सिर्फ एनजीओ के अस्थायी कर्मचारी...
इन कर्मचारियों के पास न तो आवास योजना की जानकारी थी, न ही समस्या समाधान की कोई दिशा। रहवासियों ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि ये सिर्फ दिखावा है, समस्या सुलझाने की कोई मंशा नहीं दिखती।
"कलेक्टर से शिकायत की थी, लेकिन अधिकारी नहीं आए, सिर्फ टेम्परेरी लोग भेज दिए.
रहवासियों ने बड़ा खुलासा किया है कि यहां 2BHK और 3BHK फ्लैट्स को अवैध रूप से जोड़कर एक कर दिया गया है, वह भी नगर निगम की अनुमति के बिना। ये सीधा-सीधा मध्यप्रदेश स्वामित्व अधिनियम का उल्लंघन है, जो मूल ढांचे में बदलाव की मनाही करता है।
हमने कई बार शिकायत दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही..
इन सबके बीच सबसे चिंताजनक बात यह है कि भ्रष्टाचार के आरोप भी लग रहे हैं। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि कुछ निगम अधिकारी और आवास योजना से जुड़े लोग मिलीभगत कर अवैध मर्जिंग को नजरअंदाज कर रहे हैं।
अब सवाल ये है कि यदि यह निर्माण अवैध है तो पहले से हो चुके निर्माणों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? रहवासी प्रशासन से सीवरेज, सीलन और अवैध मर्जिंग की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। साथ ही भ्रष्टाचार पर रोक और दोषियों पर कार्रवाई की भी माँग तेज़ हो गई है।
 “हमें बस इंसाफ चाहिए इंदौर नगर निगम और आवास विभाग को अब इस मसले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करनी होगी, ताकि जनता का भरोसा बना रह सके।

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