अरावली परिसर की बदहाल व्यवस्था देखने पहुंचे एनजीओ के अस्थायी कर्मचारी, रहवासियों ने जताया विरोध
राजेश धाकड़
इंदौर। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भूरी टेकरी स्थित अरावली परिसर में व्यवस्थाओं की बदहाली और अनियमितताओं को लेकर रहवासी एक बार फिर आक्रोशित हो गए। रहवासियों की लगातार शिकायतों और जनसुनवाई में जिला कलेक्टर से की गई शिकायत के बाद नगर निगम द्वारा मौके पर निरीक्षण के लिए उच्च अधिकारियों को भेजने की बात कही गई थी। लेकिन शनिवार को निगम अधिकारियों की जगह एनजीओ के टेम्परेरी कर्मचारियों को भेजा गया, जिनके पास न तो आवास योजना की जानकारी थी और न ही समस्याओं के समाधान की कोई स्पष्ट दिशा।
नियमों की खुली अनदेखी, रहवासी नाराज़
रहवासियों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए 2BHK और 3BHK फ्लैट को नियमों को दरकिनार कर जोड़कर एक कर दिया गया है। यह कार्य निगम की अनुमति के बिना किया गया, जो कि मध्यप्रदेश प्रकोष्ठ स्वामित्व अधिनियम का खुला उल्लंघन है। यह नियम स्पष्ट करता है कि किसी भी बहुमंजिला भवन की मूल संरचना में तोड़-फोड़ नहीं की जा सकती। इस बारे में रहवासियों ने कई बार लिखित शिकायतें कीं, लेकिन नगर निगम की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई।
रहवासियों ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
स्थानीय रहवासियों का आरोप है कि निगम के जिम्मेदार अधिकारी और प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े कुछ लोग अवैध फ्लैट संयुक्तिकरण करने वालों से मिलीभगत कर मामले को दबा रहे हैं। सीवरेज की समस्या, दीवारों में सीलन, अधूरी बाउंड्री वॉल और टॉयलेट का पानी नीचे के फ्लैट में जाने जैसी गंभीर समस्याएं लगातार बनी हुई हैं, लेकिन समाधान के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है।
बिना अनुमति मर्ज करने की मिली सलाह!
एक स्थानीय रहवासी ने बताया कि उन्होंने अपने और अपने भाई के फ्लैट को मर्ज करने की अनुमति के लिए नगर निगम कार्यालय से संपर्क किया था। अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से नियमों का हवाला देकर मना कर दिया और मौखिक रूप से यह कहा कि "जैसे बाकी लोगों ने किया है, वैसे आप भी बिना अनुमति कर लीजिए।" इस रवैये से आहत रहवासियों का कहना है कि यदि यह मर्जिंग अवैध है तो पहले किए गए निर्माण पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
रहवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि:
अवैध फ्लैट मर्जिंग की निष्पक्ष जांच की जाए सीवरेज, सीलन और अन्य निर्माण से जुड़ी समस्याओं का शीघ्र समाधान हो
आवास योजना में हो रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगे
अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो
इंदौर नगर निगम और आवास योजना विभाग को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ कार्य करना चाहिए, जिससे जनता का विश्वास बना रह सके।

