जिस जनपद सीईओ ने भ्रष्टाचार में बनाए रिकॉर्ड,उस पर ग्राम पंचायतो के कार्याे में लाखो का कमीशन लेने का आरोप

  • Share on :

3 बार लोकायुक्त ने रिश्वत लेते रंगे हाथो पकडा,कार्यकाल में हुआ 15 करोड़ के घोटाला का खुलासा,
सवाल क्या भ्रष्टाचारी CEO के कार्यकाल में हुए निर्माण कार्यों की जांच करा सकेंगे जिला पंचायत सीईओ हिमांशु शर्मा...?
ब्यूरो रिपोर्ट ऋषि गोस्वामी शिवपुरी
शिवपुरी। जिले की बदरवास जनपद में वर्तमान से पदस्थ चल रहे सीईओ अरविन्द्र शर्मा ने अपने कार्यकाल में यूं तो कई रिकॉर्ड हांसिल किए है लेकिन उनके नाम एक रिकॉर्ड और भी दर्ज हो गया, जिसमें उन्होने हाल ही में 10 सचिव व रोजगार सहायक पर निलंबित व सेवा समाप्त की कार्यवाही को अंजाम दिलाया है। अरविन्द्र शर्मा ने अपने कार्यकाल में बदरवास की 20 ग्राम पंचायतो में उजागर हुए करीब 15 करोड रुपये के घोटाले का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है इतना ही नही शर्मा ने अपनी पिछली पोस्टिंग में भी कई रिकॉर्ड बनाए है जिनमें से एक रिकॉड यह भी है कि शर्मा को 3 बार लोकायुक्त ने रंगे हाथों रिश्वत लेते पकडा है। एक अधिकारी के भ्रष्टाचार में इतने सारे रिकॉर्ड होने के बाद भी वह कुर्सी पर बैठकर नौकरी कर रहा है लेकिन शर्मा अभी भी अपनी नौकरी ईमानदारी से नही कर रहे है हाल ही में उन पर ग्राम पंचायतो में होने वाले कामो में कमीशन लेने के आरोप लगे है वह भी किसी अन्य व्यक्ति ने द्धारा नही लगाए गए है बल्कि वह आरोप एक सरपंच के द्धारा लगाए गए है। अब देखना होगा कि ग्राम पंचायतो में होने वाले कमो में अपना फिक्स कमीशन लेने वाले सीईओ की जांच वरिष्ट अधिकारी कराते है या फिर नही। 
तीन बार लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथे पकडा
वर्तमान में बदरवास जनपद सीईओ के पद पर पदस्थ अरविंद शर्मा को पूर्व में 3 बार लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों रिश्वत लेते पकडा है। शिवपुरी जिले की पोहरी जनपद में थे, वहां भी रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा था। वही कोरोना काल में अरविंद शर्मा की गाड़ी से विजयपुर थाना प्रभारी सतीश साहू ने 1.90 लाख रुपए बरामद किए थे। अरविंद शर्मा का कहना था कि वो रूपए ग्राम पंचायत गसमानी के सचिव के हैं। इसके अलावा अरविंद शर्मा एक विभागीय जांच में भी दोषी पाए गए और एक वेतन वृद्धि भी रोकी गई है। रीवा के एक मामले में तो लोकायुक्त ने पांच साल पूर्व से शासन को चालान पेश करने का प्रस्ताव भेजा है, जिसे अभी तक स्वीकृति नहीं मिली। जिसके चलते उक्त अधिकारी के हौसले बुलंद हैं। यही वजह है कि बदरवास जनपद पंचायत में 20 ग्राम पंचायत में हुए 15 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया। उक्त कार्रवाई में छोटे कर्मचारियों को तो वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा निलंबित या सेवा से बर्खास्त कर दिया, लेकिन जो प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं उक्त अधिकारी अभी नोटिस तक ही सीमित है। 
स्वयम के कार्यकाल में हुआ 15 करोड का घोटाला
पूर्व में बदरवास जनपद पंचायतो की 20 ग्राम पंचायतो में करीब 15 करोड रुपये के घोटाला का खुलासा हो चुका है इस घोटाले के समय से वर्तमान के समय में भी जनपद सीईओ के पद पर अरविन्द्र शर्मा ही पदस्थ बने हुए है इस घोटाले के जागर होने के बाद प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए थे प्रशासन के वरिष्ट अधिकारियो ने आनन फानन में 9 रोजगार सहायकों को निलंबित कर दिया था। साथ ही बदरवास जनपद के सहायक यंत्री अनिल सहायक पटेरिया, परियोजना अधिकारी स्नेहलता गुप्ता को कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने बर्खास्त कर दिया। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पूरे मामले के मुख्य दोषी रहे जनपद सीईओ अरविंद शर्मा की जांच रिपोर्ट संभागायुक्त के पास है।
सचिव व रोजगार सहायको पर कराई कार्यवाही 
बदरवास जनपद सीईओ अरविन्द्र शर्मा ने प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के अंतर्गत होने वाले कामो में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए 10 ग्राम पंचायतों के सचिव व रोजगार सहायकों के विरुद्ध कार्रवाही कराने के लिए जिला पंचायत सीईओ को पत्र भेजा। जिसमें 10 पंचायतो के सचिवों के निलंबन व रोजगार सहायक की सेवा समाप्ति की कार्रवाही हुई। 
ग्राम पंचायत में एक तालाब के 1.25 लाख लेने का आरोप 
जनपद पंचायत बदरवास की ग्राम पंचायत चदोरिया के सरपंच कृपान सिंह यादव ने बदरवास सीईओ अरविन्द्र शर्मा पर ग्राम पंचायतो में होने वाले कामो में कमीशन लेने का आरोप लगाया है सरपंच ने कहा कि चदोरिया पंचायत में बने तालाब में सीईओ का 1 लाख से 1.25 लाख रुपये कमीशन होता है वही एई दिनेश चंन्द्र दिक्षित का भी 1 लाख से 1.25 लाख रुपये कमीशन, उपयंत्री रमेश कुशवाह का भी 1 लाख से 1.25 लाख रुपये व सचिव,रोजगार सहायक सहित मेरा भी हिस्सा होता है करीब पंचास प्रतिशत राशि कमीशन की बट जाती है बांकी पंचास प्रतिशत राशि को निर्माण कार्याे में खर्च किया जाता है। सरपंच ने यह आरोप खुले शब्दो में लगाए है क्या इन आरोपो के बाद इन अधिकारियो व कर्मचारियो के कामो की जांच विभाग के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियो को नही करना चाहिए...? विभागीय सूत्र बताने है कि अगर उक्त अधिकारी के कार्यकाल के कामो की जांच की गई तो करोडो रुपये का फिर से घोटाला का खुलासा हो सकता है। जिसमें सीईओ से लेकर एई और उपयंत्री व सचिवो, रोजगार सहायको पर सीधी कार्यवाही होगी। 
इन कार्यों की अभी तक नही हुई जांच 
ग्राम पंचायत चदौरिया में पूर्व सरपंच शिवनन्दन सिंह यादव ने वर्ष 2021-2022 में सेमपुरा के रास्ते पर डग पॉइट का निर्माण कराया था लेकिन अब वर्तमान सरपंच कृपान सिंह यादव व उपयंत्री रमेश कुशवाह ने एई व सीईओ  से मिलकर उसी स्थान पर डग पॉइट को चौडा और लम्बा कर नवीन तालाब निर्माण कार्य करा दिया और कागजो में नबीन तालाब निर्माण कार्य दर्शाकर उपयंत्री रमेश कुमार कुशवाह ने मस्टर बनाकर विभाग से भुगतान भी करवा दिया है। 
कुछ माह पहले बने डग पाइंट पर भी बनाया तालाब
ग्राम पंचायत चदौरिया में ही वर्तमान सरपंच कृपाल सिंह यादव ने टोरिया के पास में वर्ष 2024 के अप्रैल-मार्च के माह में एक डग पॉइट का निर्माण कराया था लेकिन वर्तमान सरपंच और उपयंत्री ने एई व सीईओ से मिलकर उस पर भी भ्रष्टाचार की लखीर खींछ दी,और उस डग पॉइट को लम्बा चौडा कर उसे भी नवीन तालाब का रूप दे दिया और उपयंत्री रमेश कुमार कुशवाह ने उसे भी कागजो में नवीन तालाब के रुप में दर्शा दिया और मस्टर डाल दिए बताया जा रहा है कि तालाब निर्माण कार्य के 24.89 लाख रुपए भी निकाल लिए है। 
आपने कहा 
निर्माण कार्याे में ऊपर से नीचे तक सबका हिस्सा होता है पंचास प्रतिशत सरकारी राशि का हिस्सा होता है बांकी पंचास प्रतिशत निर्माण कार्याे में खर्च होती है। 
कृपान सिहं यादव सरपंच ग्राम चदोरिया
आपने कहा 
तालाब निर्माण में एक से सबा लाख रुपये का हिस्सा लेने का आरोप लगा रहे है वह झूठा है वह कुछ भी बोल सकते है वह यह आरोप कैसे लगा रहे है वही जाने । 
दिनेश चन्द्र दिक्षित एई बदरवास 
आपने कहा 
अगर सरपंच ने इस प्रकार के आरोप लगाए है तो आप मुझे रिकॉर्डिगं भेज दो में सबको देख लुगां। जांच कर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाऐगी। 
हिमांशु जैन जिला पंचायत सीईओ

Latest News

Everyday news at your fingertips Try Ranjeet Times E-Paper