"जिसके लिए देश ने हाथ उठाए, उसी ने विश्वास की चिता सजाई…"

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संपादकीय विशेष

राजा रघुवंशी की हत्या की खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया...

जिस पत्नी की तलाश में सोशल मीडिया से लेकर पुलिस तंत्र तक दिन-रात एक कर दिया गया, आज वही पत्नी—सोनम रघुवंशी—हत्या की साजिशकर्ता साबित हो रही है।
लोग कहते हैं: “प्यार अंधा होता है”, लेकिन आज यह सवाल उठ रहा है —
क्या प्यार अब हत्यारा भी हो गया है?
एक देश की भावनाओं से खेल
सोनम की गुमशुदगी की खबर सुनकर पूरे देश ने दुआएँ की थीं। कई लोगों ने उसे अपनी बेटी, बहू और बहन की तरह देखा। लोगों ने मंदिरों में मन्नतें मांगीं, सोशल मीडिया पर अपील की, पुलिस से निवेदन किया… और जब वह मिली, तो लगा भगवान ने दुआ कबूल की।
पर किसे पता था — ये वापसी एक डरावने सच की दस्तक है।
जब मोहब्बत बन जाए अपराध
सोनम के प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करने की योजना बनाना सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि विवाह और समाज दोनों की आत्मा का अपमान है।
राजा रघुवंशी ने शायद सपनों का घर बसाने का सपना देखा था, पर उसे मिला — गद्दारी, धोखा और मौत।
अब सोचिए…
क्या सोशल मीडिया अब भावुकता का शिकार हो रहा है?
क्या औरत की हर कहानी "पीड़िता" की नहीं होती?
क्या कानून अब "प्यार" के नाम पर "पाप" को नजरअंदाज करेगा?
न्याय चाहिए – दिखावा नहीं!
इस केस में न्याय की माँग सिर्फ राजा के लिए नहीं, बल्कि उस भरोसे के लिए है जो हर रिश्ते की नींव में होता है।
हमें ऐसी घटनाओं से सबक लेना होगा। नारी शक्ति का आदर जरूरी है, पर जो नारी ‘ममता’ नहीं ‘मायाजाल’ बुन रही हो, उसका भी पर्दाफाश उतना ही जरूरी है।

 


- गोपाल गावंडे
प्रधान संपादक, रणजीत टाइम्स

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