सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से पूछा तीखा सवाल, दरगाह गिराने का नोटिस आया, आपने तत्काल सुनवाई क्यों नहीं की?
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार से तीखा सवाल किया। शीर्ष अदालत ने स्पष्टीकरण मांगते हुए पूछा कि नासिक नगर निगम द्वारा सतपीर दरगाह के खिलाफ जारी विध्वंस नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध क्यों नहीं किया गया। जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जॉयमाला बागची की पीठ ने कहा कि धार्मिक संरचना के विध्वंस की आशंका के कारण यह मामला अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने विध्वंस नोटिस पर रोक लगाते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
क्या थी याचिका?
सतपीर दरगाह नासिक के काठे गली क्षेत्र में स्थित है। यह लंबे समय से विवादों के केंद्र में रही है। नासिक नगर निगम ने 1 अप्रैल 2025 को इस धार्मिक संरचना को अनधिकृत घोषित करते हुए विध्वंस नोटिस जारी किया था। इसके खिलाफ दरगाह के पक्षकारों ने 8 अप्रैल को बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी और 9 अप्रैल से इसे तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की कोशिश की थी। हालांकि, याचिकाकर्ताओं के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया, जिसके कारण उन्हें शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
सुप्रीम कोर्ट ने इस देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा, "हमें समझ नहीं आ रहा कि 9 अप्रैल से अब तक क्या हुआ। याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि वे हर दिन मामले को सूचीबद्ध करने की कोशिश कर रहे थे।" कोर्ट ने इस असामान्य स्थिति के कारण विध्वंस पर रोक लगाने का "असाधारण कदम" उठाया। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को रिट याचिका की लिस्टिंग के बारे में एक रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी।
साभार लाइव हिन्दुस्तान