बिहार में कोसी और गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में बाढ़ का खतरा

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नई दिल्ली। बिहार में कोसी और गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से राज्य के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.एक तरफ जहां गंगा में बढ़ते जल स्तर की वजह से 13 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं अब वहीं कोसी नदी में जल स्तर में भारी वृद्धि की वजह से उत्तर बिहार और सीमांचल के भी जलमग्न होने की आशंका है. बाढ़ के इस संकट को देखते हुए राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार भी अलर्ट हो गई है. बिहार सरकार ने बताया कि नेपाल में भारी वर्षा के कारण रविवार सुबह 5 बजे कोसी बैराज वीरपुर (नेपाल) से 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो 1968 के बाद सर्वाधिक है।
सोशल मीडिया पर बिहार में जलप्रलय के कई खौफनाक वीडियो सामने आ रहे हैं. कोसी बैराज पर हालात खतरनाक बने हुए हैं. कई जगह पुल के ऊपर से पानी बह रहा है. लोगों को सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है. नदी किनारे रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा गया है. कटान का खतरा देखते हुए कई इलाकों को खाली कराया जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक 50 साल बाद कोसी नदी में इतना पानी देखा जा रहा है जो उत्तर बिहार के कई जिलों को डुबा सकता है. लोगों में इसको लेकर हाहाकार मचा हुआ है. ग्राउंड जीरो पर स्थानीय लोगों ने बताया कि तकरीबन 55 सालों के बाद उन्होंने कोसी नदी में इतना पानी देखा है.  
2008 में जब कुशहा बांध टूटा था तो उस समय को लेकर लोग बताते हैं कि दो- तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था और उसी ने बांध को तोड़ दिया था. इस बार नेपाल में लगातार बारिश के बाद कोसी बराज से 5.5 लाख क्यूसेक से भी ज्यादा पानी छोड़ा जा चुका है और हालात बहुत ज्यादा गंभीर है. वहीं इसको लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बिहार सरकार ने शनिवार को वाल्मिकीनगर और बीरपुर बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद राज्य के उत्तरी और मध्य हिस्सों में उफनती कोसी, गंडक और गंगा नदियों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है.
वहीं दूसरी तरफ लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ से नेपाल में कम से कम 99 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है. नेपाल के कुछ हिस्से शुक्रवार से भारी बारिश की वजह से जलमग्न हो गए हैं, जिससे आपदा प्रबंधन अधिकारियों को अचानक बाढ़ की चेतावनी देनी पड़ी है. नेपाल में आई इस तबाही का असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है.  
साभार आज तक

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