मणिपुर में उपद्रवियों के हमले में दो पुलिस कमांडो समेत तीन की मौत
इंफाल. मणिपुर में बीते साल मई महीने से जल रहा है. यहां कुकी और मैतेई समुदाय के बीच तनाव है. हिंसा को रोकने के लिए जगह-जगह सुरक्षाबलों की चौकी बनाई गई हैं, लेकिन अब उपद्रवी सुरक्षाबलों को ही निशाना बना रहे हैं. बीते बुधवार को टेंगनौपाल जिले के मोरेह में उपद्रवियों ने पुलिस चौकी पर हमला कर दिया, जिसमें अबतक दो सुरक्षाकर्मियों समेत तीन लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा दो अन्य सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं.
सुरक्षा चौकी पर ये हमला मणिपुर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम द्वारा दो दिन पहले लिए गए एक एक्शन के बाद हुआ है, जिसमें कुकी समुदाय के उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. गिरफ्तार किए गए लोगों में एक शख्स फिलिप खोंगसाई था, जो बीते साल नवंबर में एक पुलिस अधिकारी आनंद चोंगथम की हत्या का मुख्य आरोपी था.
आनंद की पिछले साल एक नवंबर को स्नाइपर की गोली से मौत हो गई थी, जब वह हेलीपैड के निर्माण के लिए मोरेह में जमीन की सफाई की निगरानी कर रहे थे. मोरेह में बुधवार सुबह करीब साढ़े तीन बजे हुए इस हमले में दो पुलिस कमांडो की मौत हो गई. 6वीं मणिपुर राइफल्स के जवान वांगखेम सोमरजीत और तखेल्लंबम शैलेश की गोली लगने से मौत हो गई.
इस हमले में सिद्धार्थ थोकचोइम (ASI) और कांस्टेबल भीम सिंह और 5वीं मणिपुर राइफल्स के एक राइफलमैन थोकचिओम नाओबिचा घायल हो गए. वहीं इसमें शहीद हुए सैनिकों को वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा लाया गया. इस बीच, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन के दौरान असम राइफल्स कैस्पर द्वारा कथित तौर पर हमला करने के बाद एक कुकी महिला की भी मौत हो गई.
वहीं मोरेह में हुई इस घटना के खिलाफ कई महिलाओं ने मणिपुर में सीएम सचिवालय के सामने देर रात प्रदर्शन किया. स्थानीय मीरा पैबी समूहों ने इस घटना की निंदा करते हुए मशाल रैली निकाली. हाथों में मशाल लिए महिला प्रदर्शनकारी मालोम, कीशमपत और क्वाकीथेल इलाकों से एकत्र हुईं और नारेबाजी करते हुए मशाल रैली निकाली.
साभार आज तक