उद्धव बोले- एकजुट नहीं रहे तो MVA में रहने का कोई मतलब नहीं
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मुलाकात के बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि महा विकास आघाड़ी (MVA) अगर एकजुट नहीं रहता है तो साथ रहने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली शानदार जीत के बाद विधानसभा चुनाव में एमवीए के नेताओं को घमंड हो गया। इसके कारण ही महाराष्ट्र में करारी शिकस्त मिली। उन्होंने गठबंधन में शामिल घटक दलों को आत्ममंथन की भी नसीहत दी है।
उद्धव ठाकरे ने 'सामना' में सांसद संजय राउत को दिए साक्षात्कार में कहा, "हम लोकसभा चुनावों में एक थे, लेकिन विधानसभा चुनावों में हमारा स्वार्थ सामने आ गया और हम हार गए।" उन्होंने माना कि सीटों के बंटवारे को लेकर आखिरी दिन तक खींचतान चलती रही, जिससे जनता में गलत संदेश गया। उद्धव ने MVA के भविष्य पर चिंता जताते हुए कहा कि यदि वही गलतियां दोहराई गईं, तो साथ आने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। आपको बता दें कि कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने भी ठाकरे के बयान का समर्थन किया और कहा कि विपक्ष में घमंड और अव्यवस्था ने नुकसान पहुंचाया।
उद्धव ठाकरे ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की वैधता पर फिर से सवाल खड़े किए और कहा, "अगर अमेरिका और यूरोप जैसे देश बैलेट पेपर से चुनाव करा सकते हैं, तो हम क्यों नहीं?" उन्होंने यह भी कहा कि PM मोदी भी कभी EVM के विरोध में बोले थे, बीजेपी को उन्हें सुनना चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग (EC) को 'धोंड्या' पत्थर की संज्ञा देते हुए कहा कि, "लोग उस पत्थर को पूजते हैं, लेकिन चुनाव आयोग के पास हमारे पार्टी का नाम और प्रतीक बदलने का अधिकार नहीं है।" उन्होंने तीखा तंज कसते हुए कहा, "अगर मैं चुनाव आयोग का नाम बदल दूं, तो क्या मुझे अधिकार मिल जाएगा?"
उद्धव ठाकरे ने अपने बयान में यह भी कहा कि अब राज ठाकरे साथ आ गए हैं, जिससे संकेत मिलता है कि शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के बीच गठबंधन की संभावनाएं बन रही हैं।
साभार लाइव हिन्दुस्तान