त्याग ओर तपस्वियों की नगरी में आज हुआ उपाध्याय मुनि श्री 108 विरंजन सागर जी महाराज ससंघ का नगर आगमन

  • Share on :

आशीष शर्मा
सनावद। धर्म ओर वैराग्य के पथ पर त्यागियों की नगरी सनावद में निरन्तर साधुओं का आना निरन्तर जारी है समाज प्रवक्ता सन्मति जैन काका ने बताया की इसी क्रम में आज गणाचार्य 108 श्री विरागसागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य उपाध्याय मुनि श्री विरंजनसागर जी महाराज  ससंघ (4पिच्छी) का मंगल प्रवेश धर्मनगरी सनावद में गुरुवार को प्रातः 7:30 बजे सिद्धवरकूट की ओर से हुआ। समाजजनों ने मंगल अगवानी हेतु ओंकारेश्वर रोड रेल्वे गेट पर पहुंचकर अगवानी में सम्मिलित होकर धर्म प्रभावना में सहयोगी बने ।मुनिश्री सुपार्श्वनाथ मंदिर पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन बड़ा जी के दर्शन किए जहा महिला मंडल के द्वारा पाद प्रक्षालन कियागया।तत्पश्चात श्री शांति सागर वर्धमान देशना संत निलय में प्रातः 8:30 बजे से मुनि संघ की मंगल देशना हुई  जिसमें सर्वप्रथम नरेन्द्र भारती के द्वारा मंगलाचरण की मंगला चरण कर के सभा का शुभारंभ किया  तत्पश्चात राजेंद्र जैन महावीर के द्वारा मुनि श्री के जीवन पर प्रकाश डाला गया। अगली कड़ी में मुनि श्री वीसौम्य सागर जी महाराज ने कहा की  इस पावन धरा से अनेक संत निकल चुके हे इस नगर में निरंतर धर्म की बरसात होती रही है । ओर जहां निरन्तर बरसात होती हे वही से जीव निकलते हैं। हम निरंतर आत्मा को परमात्मा बनाने के लिए प्रयत्न शील है। इसी लिए हम संतो के चरणों में आ रहे हे। इसी क्रम में उपाध्याय मुनि श्री विरंजन सागर जी महाराज ने अपने उद्घबोधन में कहा की आज हम मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ के समवशरण के समकक्ष बैठे हे। जिनेंद्र भगवान की वाणी आत्म कल्याणी हे। जिनेंद्र भगवान की देशना एक एक शब्द हमारे अंतश मन को जगझोर देता हे। जब जब जिन देशना को श्रद्धा पूर्वक सुना हे जब जब निश्चित ही अंधकार से प्रकाश की ओर लें जाता हे 
जिनेंद्र भगवान की वाणी आत्म बोध करवाने वाली हे। हमारीे असमयकत्व को सम्यकत्व की ओर ले जानी वाली हे क्योंकि जिन वचन बड़े पुण्य के योग से मिला करते हे। बिना पुण्य के योग से जिन वचन को नहीं सुन सकते । इस सनावद नगर की पावन भूमि से जिन अठारह अठारह साधुओं ने जन्म लिया वो भूमि कितनी पावन होगी आप सोच भी नहीं सकते हे इस भूमि ने आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज जैसे संत दिए  हे धन्य हे आज हमारा भी इस धरा पर आना हुआ। निश्चित ही यहां की वर्गगड़ाए प्रशस्त हे । यहां की भूमि बहुत ही पावन हो गई हे यहां निरन्तर साधु संतों का आगमन होता रहता हे।
इस अवसर पर मंच का संचालन प्रशांत चौधरी ने किया। 
प्रवचन तत्पश्चात पश्चात 9:30 बजे मुनि संघ की आहारचर्या संपन्न हुई। जिसमें आज मुनि संघ को आहार करवाने का सौभाग्य संतोष कुमार बाकलीवाल  परिवार एवं पावन कुमार धनोते परिवार को प्राप्त हुआ। इस अवसर  रिंकेश जैन,राजू जैन,,नरेंद्र जैन काकू, अनुभव जैन,सरल जटाले,नितेश जैन रजत जैन,आशीष जैन राकेश जैन प्रफुल्ल जैन,राजकुमार जैन, खुशबु  जैन रेखा जैन,आरती जैन, हीरामणी भूच, महिमा जैन, सरला जैन,सहित सभी समाजजन उपस्थित थे।
मंगल विहार
गणाचार्य 108 श्री विरागसागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य उपाध्याय मुनि श्री विरंजनसागर जी महाराज  ससंघ (4पिच्छी) का मंगल विहार धर्मनगरी सनावद से बेड़ियां की ओर हुआ। कल्की आहार चर्या बेड़ियां में संपन्न होगी।

Latest News

Everyday news at your fingertips Try Ranjeet Times E-Paper