"वियतनाम: इतिहास से सीखता हुआ, भविष्य की ओर बढ़ता देश"

  • Share on :

विशेष संपादकीय

अनुभव आधारित रिपोर्ट | गोपाल गावंडे, प्रधान संपादक, रणजीत टाइम्स


“हमने वियतनाम को सिर्फ किताबों में नहीं देखा, बल्कि जिया है – सड़कों पर चलते हुए, लोगों से मिलते हुए, गांवों और शहरों के बदलते रूप को महसूस करते हुए।”
वियतनाम यात्रा सिर्फ एक सैर नहीं थी, बल्कि यह था उस देश की आत्मा से संवाद, जिसने युद्ध के ज़ख्म झेले, लेकिन उम्मीद और आत्मनिर्भरता से खुद को फिर से खड़ा किया।
सड़कें, मेट्रो और सुगम परिवहन व्यवस्था
हमने जून माह में वियतनाम की यात्रा की और देश के विभिन्न हिस्सों को गहराई से देखा। हनोई से हो ची मिन्ह सिटी तक, चाहे गांव हो या आधुनिक शहर, हर जगह बेहद सुनियोजित सड़कें, साफ-सुथरे मेट्रो स्टेशन, और समय पर चलने वाली परिवहन व्यवस्था देखने को मिली। ट्रैफिक कम है, और लोग नियमों का पालन करते हैं — यह देश के विकासशील सोच का परिचायक है।
लोगों का व्यवहार और कार्य-कुशलता
जहां भी हम गए, हर व्यक्ति में एक चीज़ सामान्य रूप से देखी — इमानदारी, मेहनत और विनम्रता।
लोग न केवल अपने काम के प्रति समर्पित हैं, बल्कि पर्यटकों के प्रति सौहार्दपूर्ण और सहयोगी रवैया रखते हैं। होटल, मार्केट, टूर गाइड, स्थानीय रेस्तरां — सभी जगह सेवा में उत्कृष्टता दिखाई दी।


गांव और संस्कृति से जुड़ाव
शहर जितने आधुनिक हैं, गांव उतने ही संस्कृति और परंपरा से जुड़े हुए हैं। वियतनाम के गांवों में सफाई, हरियाली और स्थानीय लोगों की अपने ग्राम और धरोहर के प्रति श्रद्धा को देखकर दिल गर्व से भर आया।
हर गांव में स्थानीय इतिहास को सहेजकर रखा गया है — वियतनामी भाषा, पारंपरिक वेशभूषा, खान-पान और त्योहारों को आज भी पूरी गरिमा से निभाया जाता है।
पर्यटन — सेवा और सम्मान दोनों
वियतनाम सरकार और जनता दोनों मिलकर टूरिज्म को एक अर्थव्यवस्था नहीं बल्कि सम्मान की सेवा मानते हैं।
हर ऐतिहासिक स्थल पर व्यवस्थित मार्गदर्शन, साफ टॉयलेट, पीने का पानी और सुरक्षा की पूर्ण व्यवस्था है।
Ha Long Bay, Cu Chi Tunnel, Marble Mountains, Golden Bridge, Ba Na Hills जैसे पर्यटन स्थल सिर्फ घूमने के लिए नहीं, सीखने और जुड़ने के लिए हैं।
निष्कर्ष:
"वियतनाम ने यह दिखा दिया कि ज़ख्मों से भी उज्जवल भविष्य बन सकता है — बशर्ते नेतृत्व, मेहनत और देशभक्ति हो।"
आज जब हमने वियतनाम को नज़दीक से देखा, तब जाना कि यह देश केवल युद्ध का नहीं, बल्कि शांति, संस्कृति और नवोन्मेष का प्रतीक है।

आपका
गोपाल गावंडे
प्रधान संपादक, रणजीत टाइम्स 
जून 2025 विशेष रिपोर्ट – वियतनाम यात्रा के अनुभव पर आधारित

Latest News

Everyday news at your fingertips Try Ranjeet Times E-Paper