मणिपुर के चुराचांदपुर में फिर हिंसा भड़की, 2 की मौत, भीड़ ने पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर कार्यालयों पर धावा बोला

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इंफाल. मणिपुर के चुराचांदपुर में गुरुवार देर एक बार फिर हिंसा भड़क गई. उग्र भीड़ ने पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर कार्यालयों पर धावा बोल दिया. सुरक्षा बलों ने भीड़ को काबू करने के लिए फायरिंग की, जिसमें कम से कम दो लोग मारे गए और 42 लोग घायल हो गए. हिंसा के ताजा मामलों के बाद राज्य सरकार ने कुकी-बाहुल्य चुराचांदपुर जिले में इंटरनेट सेवा पांच दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया है. मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक भीड़ ने मिनी सचिवालय के नाम से जाने जाने वाले कॉम्प्लेक्स के पास खड़े सुरक्षा बलों के वाहनों के साथ-साथ कलेक्टर के आवास को भी जला दिया गया.
चुराचांदपुर में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने संबंधी आदेश पर संयुक्त सचिव (गृह) मायेंगबाम वीटो सिंह ने कहा, 'असामाजिक तत्व सोशल मीडिया का उपयोग जनता की भावनाएं भड़काने के लिए कर सकते हैं और कानून-व्यवस्था की स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं. जीवन की हानि, सार्वजनिक/निजी संपत्ति को नुकसान और सार्वजनिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव में व्यापक गड़बड़ी के आसन्न खतरे को देखते हुए इंटरनेट सेवाओं पर अस्थायी प्रतिबंध लागू किया गया है'. मणिपुर पुलिस ने ताजा हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या पर टिप्पणी नहीं की है. चुराचांदपुर जिला अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि दो लोगों की मौत गोली लगने से हुई, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए.
सूत्रों के मुताबिक आदिवासी कुकी समुदाय के एक पुलिस हेड कांस्टेबल के निलंबन की रिपोर्ट सामने आने के बाद गुरुवार देर रात हिंसक भीड़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर जमा हो गई. हेड कांस्टेबल को 'हथियारबंद लोगों' और 'ग्राम स्वयंसेवकों' के साथ उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद निलंबित कर दिया गया था. चुराचांदपुर के पुलिस अधीक्षक शिवानंद सुर्वे ने मणिपुर के 'अनुशासित पुलिस बल' के एक सदस्य द्वारा 'गंभीर अनुशासन​हीनता' का हवाला देते हुए हेड कांस्टेबल के निलंबन का आदेश जारी किया था.
साभार आज तक 

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