बांग्लादेश में नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर हिंसक प्रदर्शन जारी, 18 और प्रदर्शनकारियों की मौत
ढाका। बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर हिंसक प्रदर्शन जारी है। बृहस्पतिवार को पुलिस और छात्रों के बीच हुई झड़प में 18 लोग मारे गए। हालात काबू करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे सैकड़ों प्रदर्शनकारी जख्मी हुए हैं। प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए ढाका में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
इस सप्ताह इन प्रदर्शनों में अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के चौथी बार फिर से निर्वाचित होने के बाद से ही अलग-अलग मुद्दों पर बांग्लादेश में प्रदर्शन चल रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की तरफ से किए जा रहे इन प्रदर्शनों को बेरोजगार युवाओं का समर्थन मिल रहा है। बांग्लादेश की आबादी में पांचवां हिस्सा बेरोजगार या शिक्षा से वंचित है। इस मामले में 7 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सरकार की अपील पर सुनवाई होनी है, जिसमें कोटा बहाल करने का आदेश दिया गया था। हसीना ने छात्रों से फैसले तक धैर्य रखने को कहा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे अधिकार समूहों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने बांग्लादेश से शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को हिंसा से बचाने का आग्रह किया है। बांग्लादेश सरकार ने 1971 में पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई में लड़ने वाले लोगों के परिवारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी का आरक्षण देने का फैसला किया। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि इस आरक्षण की व्यवस्था को खत्म किया जाए।
साभार अमर उजाला