कांग्रेस को वोट देने का मतलब है पाकिस्तान को समर्थन करना - विजयवर्गीय

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इंदौर। इंदौर में विधानसभा एक से भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस पर वर्ग विशेष के तुष्टिकरण का आरोप लगाया है। कैलाश विजयवर्गीय ने एक सभा में कहा कि कांग्रेस को वोट देने का मतलब है पाकिस्तान का समर्थन करना। क्योंकि ये लोग सिर्फ वोट की राजनीति करते हैं। तुष्टीकरण के लिए विशेष वर्ग के लोगों को समर्थन करते हैं। हमारे साथ खड़े होकर रामनाम बोलने का नाटक करते हैं। हम राम नाम बोलकर पैदा हुए राम नाम बोलकर ही मरेंगे। हम नौटंकी वाले लोग नहीं हैं कि कभी जनेऊ पहन लिया तो कभी टोपी पहन ली। हम राम के पट्ठे हैं। दुपट्टा डाल के चलते हैं, कोई डुप्लिकेट रोल नहीं है अपना। 
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा पहले की पीढ़ियों ने तो बहुत खराब समय देखा। मंदिरों को टूटते हुए देखा। सोमनाथ का मंदिर टूट गया, राम मंदिर टूट गया, कृष्ण मंदिर टूट गया। मुगलों का शासन हुआ करता था। हम भाग्यशाली हैं कि पीएम मोदी के शासन में मंदिर बनते हुए देख रहे हैं। महाकाल लोक बन रहा है। सब दूर मंदिर का निर्माण हो रहा है। भारत की अस्मिता को आगे बढ़ाने का काम पीएम मोदी के नेतृत्व में हो रहा है। इसलिए हम सब कार्यकर्ता को घर घर जाकर यह बातें बताना हैं। 
विजयवर्गीय ने कहा सोनिया गांधी ने तो कोर्ट में एफिडेविट दिया था कि राम नाम का तो कोई व्यक्ति नहीं था यह तो काल्पनिक है। रामचरितमानस उपन्यास है। अभी घमंडियों का एक गठबंधन बन चुका है। उनके एक पार्टनर जो तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री हैं, उनके बेटे स्टालिन ने सनातन धर्म को समाप्त कर देना चाहिए कहा है। हमने सोचा था कांग्रेस इसका विरोध करेगी लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के बेटे ने उनका समर्थन कर दिया। बिहार के शिक्षा मंत्री ने उनका समर्थन कर दिया। इस प्रकार रामचरितमानस का कांग्रेस ने हमेशा अपमान किया है। इसलिए हमें सोचना है कांग्रेस क्या कर रही है। क्या इस देश से सनातन धर्म को कोई समाप्त कर सकता है? बताओ, किसकी मां ने दूध पिलाया है जो यह कर सकता है। हमारी माताओं ने हरतालिका तीज का त्योहार मनाया। राजबाड़े पर हमारी माताएं भूखी प्यासी अपने पति की दीर्घायु के लिए उपवास रखती हैं। यह सनातन परंपरा है। क्या कोई इस परंपरा को समाप्त कर सकता है। कांग्रेस सनातन को समाप्त करने की बात करती है और मुझे मालूम है यहां के कांग्रेस के उम्मीदवार नाटक करते हैं। साड़ी बाटते हैं, कथा करवाते हैं। यह सब नाटक है वास्तविकता कुछ और है। 
साभार अमर उजाला

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